गुलाम नबी आजाद ने दोहराई कांग्रेस में बदलाव की मांग, कहा- नेताओं का जमीनी संपर्क टूटा
क्या है खबर?
बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में करारी हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस में बदलाव की मांग मजबूत हो गई है।
रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और बदलावों की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी का 'संगठनात्मक ढांचा ढह गया' है और जब तक बदलाव नहीं होते, तब तक इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं है।
आइये, जानते हैं उन्होंने और क्या कहा?
बयान
नेताओं का जमीन स्तर से संपर्क टूटा- आजाद
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए आजाद ने कहा, "कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन इसे बेहतर करना हमारे हाथ में है।"
उन्होंने माना कि कांग्रेस नेताओं का जमीनी स्तर से संपर्क टूट गया है। समाधान के तौर पर उन्होंने कहा कि बूथ स्तर से लेकर ऊपर तक चुनाव होने से ही पार्टी का संगठन फिर से मजबूत हो सकता है।
आजाद से पहले सिब्बल भी कह चुके हैं कि कांग्रेस अब पहले जैसी ताकत नहीं रही है।
टिप्पणी
"बिहार औऱ उपचुनावों में हार बड़ी चिंता"
आजाद ने कहा, "बिहार और उपचुनावों में हार पार्टी के लिए बड़ी चिंता है। इसके लिए मैं राष्ट्रीय नेतृत्व को दोष नहीं दूंगा। जब तक ब्लॉक, जिला और प्रदेश इकाई स्तर पर चुनाव नहीं होते, तब तक हम किसी भी राज्य में अपनी स्थिति नहीं सुधार सकते। हम पहले दिन से यही मांग कर रहे हैं। इस मांग के साथ हम नेतृत्व और पार्टी के हाथ मजबूत कर रहे हैं।"
कांग्रेस में अंतर्कलह
आजाद ने पार्टी में जारी 'फाइव-स्टार कल्चर' पर उठाए सवाल
आजाद ने पार्टी में 'फाइव-स्टार कल्चर' पर भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं, चाहे वो महासचिव हो, सचिव हो, प्रदेश प्रमुख हो या स्टार प्रचारक, उन्हें हेलिकॉप्टर से वापस राजधानियों में आकर होटल में रुकने की जगह जिला या तहसील स्तर पर रुकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसा भाजपा में भी होता है, लेकिन उनके पास जमीनी कार्यकर्ताओं की फौज है। कांग्रेस के पास इसकी कमी है।
कांग्रेस
बदलाव की मांग करने वालों को बागी न समझें- आजाद
आजाद ने कहा कि पार्टी में बदलाव की मांग कर रहे नेताओं को बागी न समझा जाए।
उन्होंने कहा, "हम बागी नहीं है। हम बदलाव की मांग कर रहे हैं। बागी सत्ता में बैठे व्यक्ति को हटाकर खुद उसकी जगह लेना चाहता है। बदलाव की मांग करने वाले लोग नेतृत्व को लेकर परेशान नहीं होते। वो व्यवस्था को मजबूत करने की बात करते हैं। हम व्यस्था को मजबूत बनाने की बात कर रहे हैं, जिसे बदलाव की जरूरत है।"
बयान
आजाद बोले- राष्ट्रीय स्तर पर परिवर्तन से कुछ नहीं बदलेगा
आजाद ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन से कुछ नहीं होगा। संगठन में बदलाव तभी होगा जब राज्य, जिला और बूथ स्तर पर व्यवस्था मजबूत होगी। राजीव गांधी की मौत के बाद यह सुधार बंद हो गया है।
कांग्रेस
नेतृत्व पर सुनवाई न करने के आरोपों का खंडन
जब आजाद से पूछा गया कि क्या शीर्ष नेतृत्व उनकी बात नहीं सुन रहा है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है।
आजाद ने बताया, "हमने पूर्णकालिक अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति के लिए चुनाव समेत पांच मांग की थी। दो पर सहमति बन गई है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी इसे अक्टूबर में ही करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण यह संभव नहीं हो सका। हर स्तर पर चुनाव से ही पार्टी में मजबूती आएगी।"
बयान
हमारे पास भाजपा जैसी सुविधाएं नहीं- आजाद
वहीं जब आजाद को भाजपा नेतृत्व द्वारा महामारी के बीच भी राजनीतिक गतिविधियों के आयोजन के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा, "उनके पास विशेष विमान है। हमारे पास वैसी सुविधाएं नहीं है।"