हाथरस मामला: उच्च जाति के लोगों की सभा, मांगा आरोपियों के लिए न्याय
हाथरस गैंगरेप मामले में जातियों का टकराव अब खुलकर सामने आने लगा है और आज पीड़िता के घर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर उच्च जाति के लोगों की एक सभा हुई। इस सभा में आरोपियों के लिए न्याय की मांग की गई और इसमें शामिल लोगों ने कहा कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है। ये मांग पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट में उसके साथ रेप की पुष्टि नहीं होने की पृष्ठभूमि में की गई है।
आरोपी की मां समेत बैठक में शामिल हुए लगभग 500 लोग
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च जाति के लोगों की ये सभा पीड़िता के घर से मात्र छह किलोमीटर दूर राजवीर सिंह पहलवान नामक भाजपा नेता के घर पर हुई। पहलवान ने कहा कि वह अपनी निजी क्षमता में इस बैठक में शामिल हुए हैं। बैठक में लवकुश नामक एक आरोपी की मां समेत लगभग 500 लोगों शामिल हुए और उन्होंने चारों आरोपियों को झूठे आरोपों में फंसाए जाने का दावा करते हुए उनके लिए न्याय की मांग की।
आयोजक की मांग- पीड़िता के परिवार के खिलाफ भी हो FIR
बैठक के एक आयोजक ने कहा, "हमने बैठक के बारे में पुलिस को सूचित कर दिया है। महिला (पीड़िता) के परिवार के खिलाफ भी एक FIR दर्ज होनी चाहिए। आरोपियों को झूठे तरीके से निशाना बनाया गया है।" हालांकि हाथरस के संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं होने का दावा करते हुए कहा, "पीड़िता के परिवार पर कोई दबाव नहीं है। राजनीति नेता पांच के समूह में पीड़ित परिवार से मिल सकते हैं।"
शुक्रवार को भी पाबंदियों के बावजूद हुई थी उच्च जाति के लोगों की सभा
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को भी पीड़िता के गांव के पास उच्च जाति के लोगों की एक सभा हुई थी। तब यहां धारा 144 लगी हुई थी और पूरे इलाके को कोरोना वायरस कंटेनमेंट जोन घोषित किया हुआ था। इन्हीं का हवाला देते हुए पुलिस ने किसी भी राजनीतिक नेता को इलाके में नहीं आने दिया था, हालांकि जब उच्च जाति की इस सभा को होने देने के लिए पुलिस के दोहरे मापदंडों पर जमकर सवाल उठे थे।
गांव में उच्च जातियों का दबदबा
बता दें कि पीड़िता के गांव में जातिगत समीकरण उच्च जातियों की तरफ झुका हुआ है और इलाके में उनका दबदबा है। गांव के ज्यादातर परिवार ठाकुर या अन्य उच्च जातियों से संबंध रखते हैं, वहीं दलित समुदाय के चुनिंदा घर ही हैं।
क्या है पूरा मामला?
चंदपा थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव की 19 वर्षीय दलित युवती का गांव के ही चार उच्च जाति के युवकों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर गैंगरेप किया था। हमले में पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और उसकी जीभ भी कट गई थी। मंगलवार को उसने दिल्ली में दम तोड़ दिया। नाइंसाफी की इंतेहा ये रही कि पुलिस ने परिजनों को घर में बंद करके आधी रात को ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
मामले पर राजनीति में उबाल
मामला राजनीति का केंद्र भी बना हुआ है और विपक्ष लगातार राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने सबसे अधिक आक्रामक रुख अपनाया है और कल उसके शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिले थे। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी आज पीड़ित परिवार से मिलने आ रहे हैं। हालांकि पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया, जिसके बाद वे पैदल मार्च करते हुए पीड़िता के गांव आ रहे हैं।