मध्य प्रदेश में RSS के पूर्व प्रचारकों ने किया पार्टी का गठन, भाजपा-कांग्रेस को देंगे चुनौती
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व प्रचारकों ने जनहित पार्टी नामक एक नई पार्टी का गठन किया है।
पार्टी ने कहा है कि उसका प्रमुख उद्देश्य मध्य प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस और भाजपा के एकाधिकार को तोड़कर लोगों को एक नया विकल्प प्रदान करना है।
जनहित पार्टी में शामिल अधिकतर लोगों ने करीब 15 वर्ष पहले RSS का साथ छोड़ दिया था।
बयान
जनता के मुद्दों को उठाएगी जनहित पार्टी- संस्थापक
जनहित पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व RSS प्रचारक अभय जैन ने कहा कि उनकी पार्टी का ध्यान जनता के मुद्दों पर है।
उन्होंने कहा कि जनहित पार्टी हिंदुत्व के मूल तत्वों को ध्यान में रखते हुए किसी पार्टी पर निशाना नहीं साधेगी और सिर्फ लोगों के मुद्दों को उठाएगी।
जैन इंदौर के निवासी हैं और वह कक्षा 4 में संघ में शामिल हुए थे। उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन से पहले भोपाल में कई शाखाएं भी आयोजित की थीं।
बयान
पार्टी के संस्थापक सदस्य बोले- वोटों के पीछे भागने हिंदुत्व नहीं
जनहित पार्टी के अन्य संस्थापक सदस्य विशाल बादल ने कहा, "हिंदुत्व संस्कृति की मुख्यधारा बन गई है और आज हर कोई हिंदुत्व आइकन बनना चाहता है, चाहे वह अरविंद केजरीवाल हों या कमलनाथ हों। वे सभी मतदाताओं के पीछे भाग रहे हैं। यह हिंदुत्व नहीं है।"
उन्होंने कहा, "भाजपा की अच्छी विचारधारा है, लेकिन वह अब इसका पालन नहीं करती है। हम अभी भी RSS के मूल सिद्धांतों पर विश्वास करते हैं और इसलिए एक जन आंदोलन चला रहे हैं।"
निशाना
RSS के पूर्व कार्यकर्ताओं का भाजपा से हुआ मोहभंग- कांग्रेस
कांग्रेस ने जनहित पार्टी के गठन के बाद भाजपा पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने कहा कि RSS के पूर्व प्रचारकों द्वारा खुद की पार्टी बनाना भाजपा से मोहभंग और पार्टी में बढ़ रही कलह का संकेत है।
पार्टी के प्रवक्ता पीयूष बबेले ने कहा, "यह भाजपा को आईना दिखाने जैसा है। यहां तक कि RSS के सदस्यों का भी भाजपा से मोहभंग हो गया है क्योंकि भाजपा अब भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुकी है।"
बयान
भाजपा ने जनहित पार्टी को लेकर क्या कहा?
भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने जनहित पार्टी के गठन पर कहा, "हर किसी को अपनी विचारधारा को जनता के बीच ले जाने का अधिकार है। भाजपा विकास और कल्याण के एजेंडे पर काम करती रहेगी।"
एक अन्य नेता ने कहा, "आप RSS को नहीं छोड़ सकते। यह आपके दिलों में हमेशा मौजूद रहता है। वे (पूर्व प्रचारक) भी संगठन के संदेश को आगे बढ़ाएंगे। वे चाहें किसी भी पार्टी में शामिल हो जाएं, अंत में हमारा एजेंडा ही आगे बढ़ेगा।"
पार्टी
जनहित पार्टी से पहले बजरंग सेना का हुआ था गठन
बता दें कि जनहित पार्टी बनने से करीब 3 महीने पहले बजरंग दल के एक पूर्व सदस्य ने बजरंग सेना नामक संगठन का गठन किया था।
बजरंग सेना मध्य प्रदेश में भाजपा की नीतियों से मतभेद की बात कहते हुए कांग्रेस में शामिल हो गई थी।
हालांकि, जनहित पार्टी के नेताओं ने कहा कि उनकी कांग्रेस या भाजपा में शामिल होने की कोई योजना नहीं है और पार्टी अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
चुनाव
न्यूजबाइट्स प्लस
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मध्य प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। अभी यहां शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है।
मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई विधायकों की बगावत के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा की सरकार बनी।