पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड के संपर्क में थे सहारनपुर से पकड़े गए कश्मीरी युवक
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़े गए दो कश्मीरी युवकों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के साथ जुड़े होने की बात स्वीकार की है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पुलिस से पूछताछ के दौरान इन युवकों ने बताया कि वे पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी के संपर्क में थे और आतंकी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में थे। बता दें, गाजी को सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले के बाद एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।
22 फरवरी को पुलिस के हत्थे चढ़े थे संदिग्ध
22 फरवरी को उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्कवॉड (ATS) ने सहारनपुर से दो संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के DGP ने बताया कि खुफिया इनपुट के आधार पर ATS ने सहारनपुर में जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। दोनों कश्मीर से हैं और इनके पास से हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें से एक शहनवाज कुलगाम और दूसरा आकिब अहमद पुलवामा का रहने वाला है।
आतंकी घटना को अंजाम देने की कोशिश
पूछताछ कर रहे अधिकारियों को इन युवकों के फोन से एक वॉइस मैसेज मिला है। अधिकारियों ने बताया कि यह मैसेज किसी संभावित आतंकी घटना को अंजाम देने की योजना बनाने से जुड़ा है।
DGP ने की पूछताछ
गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों से उत्तर प्रदेश के DGP ओपी सिंह ने लगभग चार घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ से मिली जानकारी को उन्होंने जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह से साझा किया। ओपी सिंह ने बताया कि संदिग्धों ने उनके सामने जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क होने की बात कबूल की है। उनसे मिली जानकारी के आधार पर कुछ और खुलासे होने की उम्मीद है। पुलिस इन संदिग्धों को कश्मीर भी लेकर जाएगी।
गाजी के संपर्क में था शहनवाज
ATS के IG असिम अरुण ने कहा कि पूछताछ के दौरान शाहनवाज ने बताया कि वह लगभग 18 महीने पहले, जबकि आकिब छह महीने पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में आया था। उन्होंने कहा कि शहनवाज ने गाजी के संपर्क में होने की बात भी कबूल की है। दोनों संदिग्धों ने बताया कि वे आतंकी संगठन के शीर्ष कमांडरों के कहने पर संगठन से जुड़े थे। IG ने बताया कि दोनों के फोन से कुछ मैसेज भी मिले हैं।
पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था गाजी
जैश-ए-मोहम्मद का कश्मीर कमांडर अब्दुल रशीद गाजी पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में CRPF के काफिले में जा रहे 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए 100 घंटे से भी कम समय में गाजी को ढेर कर दिया था। गाजी दूसरे आतंकियों के साथ पुलवामा के पिंगलान इलाके में छिपा था। इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को भी नुकसान उठाना पड़ा था और मेजर समेत 5 जवान शहीद हुए थे।