किसानों द्वारा प्रस्ताव ठुकराने के बाद अमित शाह ने प्रमुख मंत्रियों के साथ की अहम बैठक
नए कृषि कानूनों को वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बुराड़ी जाकर आंदोलन करने के प्रस्वात को ठुकराने के बाद गृह मंत्री ने देर रात प्रमुख मंत्रियों के साथ अहम बैठक की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए। इसमें आंदोलन पर चर्चा की गई।
गृह मंत्री ने दिया था बुराड़ी में बातचीत करने का प्रस्ताव
आंदोलन को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को 3 दिसंबर से पहले बुराड़ी आकर अपना प्रदर्शन करने की शर्त रखी थी, जहां दिल्ली पुलिस ने किसानों के लिए जगह निर्धारित की है। शाह ने कहा था कि अगर किसान ऐसा करते हैं तो सरकार अगले दिन उनसे बात करने को तैयार है। इसके बाद 30 किसान संगठनों ने बैठक की और प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर ही डटे रहने का निर्णय किया।
किसानों ने बुराड़ी को करार दिया 'खुली जेल'
बैठक के बाद पंजाब के BKU क्रांतिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि सभी किसान बिना शर्त के सरकार से बातचीत करना चाहते हैं। बुराड़ी खुली जेल है और आंदोलन करने की जगह नहीं है। ऐसे में किसान किसी भी सूरत में बुराड़ी नहीं जाएंगे। सरकार को बिना शर्त के बातचीत की पहल करनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली के पांच प्रवेश बिंदुओं को अवरुद्ध करके दिल्ली का घेराव करने की चेतावनी भी दी है।
दिल्ली पुलिस ने सील किए टिकरी और सिंघु बॉर्डर
किसानों द्वारा दिल्ली का घेराव करने की चेतावनी देने के बाद दिल्ली पुलिस ने एहतियाती कदम उठाते हुए टिकरी और सिंघु बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है। पुलिस के अनुसार इन दोनों सीमाओं पर किसी भी प्रकार के मूवमेंट की इजाजत नहीं होगी। इसी तरह हरियाणा जाने के लिए झारोदा, धनसा, दौराला झटीकरा, बडूसरी, कपसेरा, राजोखरी NH8, बिजवासन, बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर का उपयोग किया जा सकेगा।
जांच के बाद ही वाहनों को दिया जा रहा है दिल्ली में प्रवेश
किसानों की चेतावनी के बाद दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई है। यहां हर वाहन को गहन जांच के बाद ही दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है। सख्त चेकिंग के कारण राजौकरी बॉर्डर से एम्बियंस मॉल तक लंबा जाम जाम लग गया है।
कोरोना जांच के लिए सिंघु बॉर्डर पर लगा मेडिकल कैंप
प्रदर्शन के दौरान कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सिंघु बॉर्डर पर एक मेडिकल कैंप भी लगा दिया है। डॉक्टर का कहना है कि जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि कोई कोरोना का सुपर स्प्रेडर तो नहीं है, यदि ऐसा होता है तो काफी चिंता बढ़ सकती है। इसी तरह टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में किसानों की मौजूदगी के चलते पुलिस ड्रोन कैमरे से नजर रख रही है।
किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर ही मनाई गुरु नानक जयंती
सोमवार को पंजाब का सबसे बड़ा पर्व गुरु नानक जयंती होने को लेकर पंजाब के किसानों ने टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर ही गुरु नानक जयंती मनाई और अरदास कर आंदोलन की सफलता की दुआ मांगी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी प्रसाद वितरित किया। किसानों का कहना था कि पुलिस अपनी ड्यूटी कर रही है और किसान अपना काम, लेकिन नानक देव जी सबके हैं। ऐसे में प्रसाद वितरित किया गया है।
नए कृषि कानूनों से किसानों को होगा बड़ा फायदा- रविशंकर
किसानों के प्रदर्शन के बीच सरकार की ओर से लगातार कृषि कानून पर सफाई दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा, 'नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।'
केंद्र सरकार के खिलाफ इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
केंद्र सरकार की ओर लोकसभा के मानसून सत्र में पारित कर बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों पर केंद्र सरकार का कहना है कि इनसे किसानों की परेशानियां खत्म होगी और वह कहीं भी अपनी फसल बेच सकेंगे। इधर, किसानों का कहना है कि कानून उन्हें बड़े व्यापारियों का गुलाम बना देंगे और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा।