दिल्ली विधानसभा चुनाव: फिर चला केजरीवाल का जादू, एग्जिट पोल में AAP को पूर्ण बहुमत
क्या है खबर?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शाम 6 बजे मतदान समाप्त हो गया। अब सबकी नजरें 11 फरवरी पर टिकी हैं, जिस दिन चुनावों के नतीजों का ऐलान किया जाएगा।
मतदान खत्म होने के बाद अलग-अलग टीवी चैनलों और एजेंसियों के एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आ गए हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी की स्पष्ट सरकार बनती दिख रही है।
वहीं भाजपा और कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियां उससे बहुत दूर नजर आ रही है।
डाटा
इस बार कितनी वोटिंग हुई?
शाम 7 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की 70 सीटों पर इस बार 57.06 प्रतिशत वोटिंग हुई है। पिछले चुनावों में वोटिंग प्रतिशत 67.08 प्रतिशत था। ऐसे में इस बार मतदान में भारी कमी हुई है।
एग्जिट पोल
टाइम्स नाउ और न्यूज एक्स के एग्जिट पोल के नतीजे
अब तक सामने आए एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, AAP लगातार तीसरी बार सरकार बना रही है।
नेता ऐप और न्यूज एक्स के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 53-57 सीटें, भाजपा को 11-17 और कांग्रेस को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है।
टाइम्स नाउ और इप्सोस के एग्जिट पोल में AAP को 47, भाजपा को 23 और कांग्रेस समेत अन्य को 0 सीट दी जा रही है।
एग्जिट पोल
सी-वोटर, जन की बात और पोलस्टार्ट के एग्जिट पोल के नतीजे
रिपब्लिक टीवी-जन की बात के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 48-61, भाजपा को 9-21, कांग्रेस को 0-1 और अन्य को 0 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
एबीपी-सी वोटर के पोल में आम आदमी पार्टी को 49-63, भाजपा को 5-19 और कांग्रेस को 0-4 सीट मिलने की बात कही गई है।
न्यूज एक्स-पोलस्टार्ट के पोल में आम को 50-56 और भाजपा को 10-14 और अन्य को 0 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है।
एग्जिट पोल
एग्जिट पोल क्या होते हैं?
एग्जिट पोल तब होता है जब वोटर अपना वोट देकर बूथ से निकल रहा होता है। उस वक्त वोटर से पूछा जाता है कि उसने किसको वोट दिया है।
इस पोल में अलग-अलग वोटरों की राय लेकर उस जानकारी का विश्लेषण किया जाता है।
हालांकि, एग्जिट पोल वैज्ञानिक तरीकों से नहीं किए जाते हैं इसलिए इनके नतीजे गलत होने की संभावना ओपिनियन पोल से ज्यादा रहती है।
एग्जिट पोल चुनाव खत्म होने के बाद दिखाए जाते हैं।
मुद्दे
इन मुद्दों पर पार्टियों ने लड़ा चुनाव
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के चेहरे और AAP सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं के लिए किए गए काम को मुद्दे बनाकर चुनाव लड़ा। प्रचार के दौरान AAP की कोशिश रही कि दिल्ली के मुद्दों पर फोकस रहे।
वहीं भाजपा ने AAP की विफलताएं, शाहीन बाग, नागरिकता कानून और प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ा।
वहीं कांग्रेस पूरे प्रचार अभियान के दौरान तस्वीर से गायब दिखी, जिससे मुकाबला AAP और भाजपा के बीच ही रहा।
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ये रहा था पिछले विधानसभा चुनाव का हाल
पिछले चुनावों में AAP को 70 में 67 सीटें मिली थीं। दिल्ली के इतिहास में पहली बार किसी पार्टी को ऐसा बहुमत मिला था। वोट प्रतिशत की बात करें तो AAP को 54.34 प्रतिशत, भाजपा को 32.19 प्रतिशत और कांग्रेस को 9.65 प्रतिशत वोट मिले।