कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ने को लेकर भाजपा ने केजरीवाल के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करने और विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कानूनों की प्रतियां फाड़ने को लेकर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसको लेकर भाजपा की दिल्ली इकाई ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ पुलिस में कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़कर किसानों को भड़काने का प्रयास करने की शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा ने उन पर आंदोलन को उग्र रूप देने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में फाड़ी थी कृषि कानूनों की प्रतियां
बता दें कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में नए कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उस दौरान दौरान कृषि कानून की प्रतियां फाड़कर फेंक दी थी और सवाल किया था कि केंद्र सरकार और कितनी जाने लेगी? उन्होंने कहा था कि अब तक 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। एक-एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है। सरकार को अंग्रेजों से बदतर नहीं बनना चाहिए।
मैं अपने देश के किसानों को धोखा नहीं दे सकता- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा था, "मुझे दर्द होता है कि मुझे ऐसा करना पड़ता है। मेरा इरादा नहीं था, लेकिन मैं अपने देश के किसानों को धोखा नहीं दे सकता, जो ठंडे बस्ते में सड़कों पर सो रहे हैं, तापमान सिर्फ 2 डिग्री सेल्सियस है।" उस दौरान विधानसभा में केंद्र के तीनों कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया गया था। इसके मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सरकार से किसानों की मांगों को पूरा करने की भी अपील की थी।
भाजपा ने शिकायत में लगाया किसानों को भड़काने के लिए प्रतियां फाड़ने का आरोप
दिल्ली भाजपा के IT सेल (सोशल मीडिया) के प्रमुख अभिषेक दुबे द्वारा दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अरविंद केजरीवाल ने किसानों को भड़काने के इरादे से कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन को उग्र करने तथा शहर में दंगे भड़काने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने विधानसभा में कृषि कानूनों पर बहस के दौरान संविधान का उल्लंघन करते हुए प्रतियां फाड़ दी।
दिल्ली की स्थिति बिगड़ी तो केजरीवाल होंगे जिम्मेदार
दुबे ने अपनी शिकायत में कहा कि केजरीवाल के कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ने से किसानों में उग्रता बढ़ी है। इसके अलावा दिल्ली में दंग भड़काए जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में स्थिति बिगड़ती है तो उसके लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल ही जिम्मेदार होंगे। ऐसे में पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करते हुए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस से दिल्ली सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की भी अपील की है।
क्या है किसानों के विरोध का कारण?
सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था। किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।
अब तक हो चुकी है 21 किसानों की मौत
बता दें कि किसानों के प्रदर्शन में अब तक विभिन्न कारणों से 21 किसानों की मौत हो चुकी है। बुधवार शाम को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक सिख संत हरियाणा के करनाल निवासी 65 वर्षीय राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसी तरह रात को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के एक किसान की ठंड की वजह से दिल का दौरे पड़ने से मौत हो गई।