महीनों से नहीं मिला वेतन, DU के कई कॉलेजों के कर्मचारियों के सामने गुजारे का संकट
क्या है खबर?
पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने के कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
ये सभी कॉलेज दिल्ली सरकार के अधीन आते हैं।
कोरोना संकट महामारी के बीच ये कर्मचारी अपनी बचत या दूसरे लोगों से उधार लेकर अपना काम चला रहे हैं।
वहीं सरकार का कहना है कि इन कॉलेजों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।
मुद्दा
इन कॉलेजों के स्टाफ को नहीं मिल रहा वेतन
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबंधित शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, भीमराव अंबेडकर कॉलेज, महर्षि वाल्मिकी B.Ed कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ अप्लायड साइंसेस फॉर वीमन, इंदिरा गांधी कॉलेज ऑफ फिजिकल एजूकेशन, भास्कराचार्य कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, भागिनी निवेदिता कॉलेज और केशव महाविद्यालय के कॉलेजों के कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है।
ये सभी कॉलेज लगभग 25 सालों से चल रहे हैं।
बयान
सरकार का क्या कहना है?
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कॉलेजों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। इस पहले उन्होंने कहा था कि इस साल के बजट का 23 प्रतिशत (53 करोड़ रुपये) जारी कर दिया गया है।
तकरार का मुद्दा
गवर्निंग काउंसिल के गठन को लेकर है तकरार
सिसोदिया के इस बयान की निंदा करते हुए कॉलेजों के डीन प्रोफेसर बलराम पानी ने खर्चों में हुई बढ़ोतरी और खर्चों के ऑडिट के साथ एक बयान जारी किया था।
इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि इन 12 कॉलेजों में गवर्निंग काउंसिल के गठन को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी और केजरीवाल सरकार आमने-सामने हैं।
आम आदमी पार्टी के अध्यापक सेल दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (DTA) का आरोप है कि दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी को कॉलेज प्रशासन काम नहीं करने दे रहे।
संकट
कर्मचारियों के लिए मुश्किल हुआ गुजारा करना
दूसरी तरफ वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
भीमराव अंबेडकर कॉलेज के वाणिज्य विभाग के सहायक प्रोफेसर सुजीत कुमार का कहना है कि तीन महीनों से वेतन न मिलने के कारण गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस संकट के कारण ऑनलाइन शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है। इस वजह से एक ही लैपटॉप से मुझे और बेटे को काम चलाना पड़ रहा है।"
बयान
"मुझे मेरे अधिकार से वंचित किया जा रहा है"
सुजीत ने कहा, "मैंने कई दूसरे मौके छोड़कर शिक्षक बनना चुना था। मुझे मेरे अधिकार से वंचित किया जा रहा है। सरकार और कॉलेज के बीच जो भी चल रहा, लेकिन उसका मतलब यह नहीं है कि अध्यापकों को वेतन से वंचित कर दिया जाए।"
समाधान की कोशिश
केजरीवाल और उप राष्ट्रपति से मांगा मुलाकात का समय
इसी बीच दिल्ली सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के कर्मचारी संगठन के प्रमुख डॉक्टर महावीर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू से मिलने के समय मांगा है ताकि मुद्दे का हल निकालकर संबंधित कॉलेजों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस संकट के कारण एड-हॉक, अतिथि अध्यापकों और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के सबसे ज्यादा मुश्किलें हो रही हैं।