फाइजर वैक्सीन पर केंद्रीय मंत्री के ट्वीट की कांग्रेस ने की ट्विटर से शिकायत, जानें मामला
क्या है खबर?
कांग्रेस ने केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा किए गए ट्वीट को हटाने के लिए ट्विटर को पत्र लिखा है। कांग्रेस ने चंद्रशेखर पर गलत जानकारी साझा कर पार्टी के नेताओं के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की है।
दरअसल, चंद्रशेखर ने ट्वीट किया था कि कांग्रेस नेता भारत में फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन की लगातार पैरवी कर रहे थे।
आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
पत्र
कांग्रेस ने ट्विटर को लिखा पत्र
कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने ट्विटर को पत्र लिखकर चंद्रशेखर पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख के रूप में यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि इस तरह की झूठी और दुर्भावनापूर्ण बात फैलाने की अनुमति देने के लिए किसी भी सोशल मीडिया मंच का उपयोग एक उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
ट्वीट
चंद्रशेखर ने क्या ट्वीट किया था?
मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावोस में एक पत्रकार के फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अल्बर्ट बोरला से फाइजर कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल पूछने का एक वीडियो शेयर किया था।
उन्होंने लिखा था, 'सभी भारतीयों को याद दिलाने के लिए फाइजर ने क्षतिपूर्ति की शर्तों को स्वीकार करने के लिए भारत सरकार को धमकाने की कोशिश की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पी चिदंबरम और जयराम रमेश महामारी के दौरान लगातार विदेशी वैक्सीन की पैरवी कर रहे थे।'
आरोप
जयराम रमेश ने चंद्रशेखर पर लगाया था झूठ फैलाने का आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने चंद्रशेखर पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें अपनी महत्वाकांक्षा के कारण झूठ नहीं बोलना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया था, 'राजीव चंद्रशेखर जी, आप मेरे और मेरे सहयोगी पी चिदंबरम के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए इसका घोर दुरुपयोग कर रहे हैं। हम इसे चुपचाप सहन नहीं करेंगे। मैं बताना चाहता हूं कि आप वास्तव में क्या हैं। क्या ट्विटर में आपको बेनकाब करने की हिम्मत है?'
सवाल
फाइजर की वैक्सीन को लेकर उठ रहे हैं सवाल
बता दें कि दुनियाभर में फाइजर की वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि फाइजर वैक्सीन कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में नाकाम है, लेकिन कंपनी ने इस तथ्य को छिपाए रखा और वैक्सीन की बिक्री जारी रखी।
इसी के चलते पत्रकारों ने कंपनी के CEO से सवाल पूछने के लिए उन्हें रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने सवालों को नजरअंदाज कर दिया और इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।