जल्द आ सकती है खाने वाली कोरोना वैक्सीन, भारत में ट्रायल करेगी अमेरिकी कंपनी
क्या है खबर?
अमेरिकी कंपनी वैक्सर्ट भारत में अपनी गोलियों वाली कोविड वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस वैक्सीन को अन्य वैक्सीनों की तरह इंजेक्शन की मदद से नहीं लगाया जाएगा, बल्कि इसकी गोलियां खाई जा सकेंगी।
वैक्सर्ट वैश्विक स्तर पर अपनी इस वैक्सीन का ट्रायल कर रही है जिसमें भारत भी शामिल है। ये ट्रायल पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका से शुरू हुआ था।
आयात
केंद्रीय लैब को मिले वैक्सीन के सैंपल, जल्द शुरू होगा ट्रायल
न्यूज 18 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL) को वैक्सर्ट की वैक्सीन के सैंपल मिल गए हैं।
बेंगलुरू की कॉन्ट्रेक्ट रिसर्च कंपनी सिंजीन इंटरनेशनल ने वैक्सीन की ये गोलियां आयात की हैं और भारत में वही इस वैक्सीन का ट्रायल करेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कोविड वैक्सीन की गोलियां मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जल्द ही इन्हें लोगों को देना शुरू किया जाएगा।
खुराकें
28 दिन के अंदर पर दी जाएंगी दो खुराकें
ट्रायल के दौरान प्रतिभागियों को पहले और 29वें दिन वैक्सीन की दो गोलियां दी जाएंगी और प्रभावशीलता जानने के लिए लाभार्थियों पर छह महीने तक निगरानी रखी जाएगी। इसे एक साधारण दवा की तरह ही लिया जाएगा।
वैक्सर्ट का मानना है कि उसकी वैक्सीन कोविड बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 जैसे रेस्पिरेटरी वायरसों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
कंपनी के अनुसार, जानवरों पर किए गए ट्रायल में वैक्सीन काफी अधिक मात्रा में सीरम एंटीबॉडीज पैदा करने में कामयाब रही।
अन्य कंपनियां
एक और भारतीय कंपनी बना रही है ओरल कोविड वैक्सीन
बता दें कि भारत की एक और कंपनी प्रेमास बायोटेक ने भी एक ओरल कोविड वैक्सीन विकसित कर रही है और ये नंवबर में ही दक्षिण अफ्रीका में अपनी वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर चुकी है।
कंपनी ओरमेड फार्मास्यूटिकल्स नामक एक कंपनी के साथ मिलकर ये वैक्सीन विकसित कर रही है।
प्रेमास ने वायरस जैसे कणों (VLP) के जरिए एक वैक्सीन तकनीक डिजाइन की है। ओरमेड इसका इस्तेमाल करके ओरल वैक्सीन विकसित करेगा।
अन्य वैक्सीनें
देश में अब तक आठ वैक्सीनों को मिल चुकी है मंजूरी
बता दें कि भारत में अब तक आठ कोविड वैक्सीनों को मंजूरी मिल चुकी है।
इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और कोवावैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V, बायोलॉजिकल-ई की कोर्बेवैक्स, मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक की वैक्सीन और जायडस कैडिला की DNA वैक्सीन शामिल हैं।
हालांकि इनमें से केवल कोविशील्ड और कोवैक्सिन का ही वैक्सीनेशन में इस्तेमाल हो रहा है। जल्द ही अन्य वैक्सीनों का इस्तेमाल शुरू हो सकता है।