कांग्रेस ने INDIA के सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू की, कहां फंसेगा पेच?
कांग्रेस ने गुरुवार को एक बडी़ बैठक के बाद घोषणा की कि विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल पार्टियों के साथ बहुप्रतीक्षित सीट बंटवारे की बातचीत बिना किसी देरी के जल्द शुरू होगी। कांग्रेस की 5 सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति के प्रमुख मुकुल वासनिक ने स्पष्ट किया कि सीट बंटवारे पर चर्चा सहयोगियों की स्थिति और राज्य-दर-राज्य के आधार पर होगी। समिति सीटों के बंटवारे को लेकर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है
कांग्रेस ने सहयोगी पार्टियों के प्रमुखों से संपर्क किया- रिपोर्ट
सूत्रों ने NDTV को बताया कि देशभर में सीटों के बंटवारे और समायोजन के लिए वासनिक ने विभिन्न विपक्षी पार्टियों के प्रमुखों को फोन किया। अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस राज्यों में जाकर विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेगी। पार्टी को उम्मीद है कि 14 जनवरी को राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू होने से पहले सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। ऐसा करने के पीछे यात्रा के साथ ही चुनाव प्रचार शुरू करना अहम कारण है।
कांग्रेस ने कहा- सीट बंटवारे पर बातचीत सर्वोच्च प्राथमिकता
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वासनिक ने कहा, "हम अच्छे से जानते हैं कि हमें बातचीत जल्दी करनी होगा। यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें कोई देरी नहीं होगी। जैसे ही अन्य राजनीतिक पार्टियां तैयार होती हैं, हम उनके साथ सुविधाजनक समय पर बातचीत शुरू करेंगे।" उन्होंने कहा कि राज्यों के आधार पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है क्योंकि विभिन्न पार्टियों की राज्यों में अलग-अलग स्थितियां हैं। वासनिक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जल्द ही इसकी रिपोर्ट सौंपेंगे।
कांग्रेस के समक्ष राज्य इकाइयों और सहयोगी पार्टियों को साथ लाने की चुनौती
कुछ राज्यों में कांग्रेस की राज्य इकाइयों और सहयोगी पार्टियों के बीच के मतभेद सीट बंटवारे में बाधा बन रहे हैं। कांग्रेस की गठबंधन समिति ने गुरुवार को खड़गे, वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की और उन्हें गठबंधन की अन्य सहयोगी पार्टियों के साथ सीट बंटवारे पर राज्य इकाइयों की प्रतिक्रिया से अवगत कराया। बैठक के बाद वासनिक ने कहा, "हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोकसभा चुनाव के बाद INDIA ब्लॉक सरकार बनाए।"
पंजाब और बंगाल में कांग्रेस के लिए राह नहीं आसान
हिंदुस्तान टाइम्स को पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि सीट बंटवारे पर बातचीत जल्दी शुरू होना महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस को कुछ राज्यों, खासकर पंजाब और पश्चिम बंगाल, में गठबंधन बनाने में थोड़ी मुश्किलें आ रही है। पार्टी की राज्य इकाइयां पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं। समाजवादी पार्टी (SP) मध्य प्रदेश में सीटें न मिलने से नाराज है, जिससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
महाराष्ट्र और बिहार में भी कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं
महाराष्ट्र में भी सीट बंटवारे को लेकर तकरार देखने को मिल चुकी है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत ने कांग्रेस को सीट बंटवारे पर शून्य से चर्चा के लिए कहा था। इस पर कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा था कि कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। बिहार में कांग्रेस 8-10 सीटें चाहती है, लेकिन जनता दल यूनाइटेड (JDU) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) दोनों उसे 5 सीटें देना चाहती हैं।
कांग्रेस कहां कितनी सीटें चाहती है?
ABP न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 15-20 सीटें चाहती है। पार्टी महाराष्ट्र की 48 में से 16-20 सीटों, बिहार की 40 में से 6-8 सीटों, पश्चिम बंगाल की 42 में से 6-10 सीटों और झारखंड की 14 में से 7 सीटों पर लड़ना चाहती है। इसके अलावा पार्टी दिल्ली में 3, पंजाब में 6, तमिलनाडु में 8, केरल में 16 और जम्मू-कश्मीर में 2 सीटें चाहती है।