मायावती नहीं करेंगी किसी से गठबंधन, BSP अकेले दम पर लड़ेगी चुनाव
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने आगामी चुनाव अकेले दम पर लड़ने का ऐलान किया है। BSP सुप्रीमो मायावती ने कहा, "हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। हम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में हम राज्य की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ चुनाव लड़ सकते हैं।" उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भाजपा और कांग्रेस किसी के गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगी।
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा के गठबंधनों पर क्या कहा?
मायावती ने कहा कि कांग्रेस सत्ता पाने के लिए समान विचारधारा वाली जातिवादी और पूंजीवादी पार्टियों से गठबंधन कर रही है, जबकि भाजपा अपने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) को मजबूत करते हुए दोबारा सत्ता पर काबिज होने का दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों के गठबंधन की पूर्ववर्ती सरकारों की कार्यशैली बताती है कि इनकी नीति, नीयत और सोच सभी के लिए एक जैसी नहीं रही है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन से किया इनकार
मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप
मायावती ने आरोप लगाया, "यह पार्टियां जनता के कल्याण के लिए काम नहीं करतीं। इन्होंने दलितों, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया है और सभी एक जैसे हैं। जब वे सत्ता में आते हैं तो अपने वादे भूल जाते हैं।" उन्होंने कहा, "इन सरकारों ने जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। चाहे वो कांग्रेस हो या फिर भाजपा। यह सबसे बड़ा कारण है कि BSP ने दोनों ही गठबंधन से दूसरी बना रखी है।"
मायावती ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर क्या कहा?
मायावती ने कहा, "लोकसभा चुनाव का समय अब बेहद नजदीक है। सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही बड़े गठबंधनों की बैठकों का दौर चल रहा रहा है, लेकिन हमारी पार्टी भी पीछे नहीं है।" उन्होंने कहा कि आम चुनाव को देखते हुए पिछले कुछ समय से BSP की देशभर में छोटी-छोटी बैठकें जारी हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के बहाने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए उसे दलित विरोधी करार दिया।
BSP और SP ने मिलकर लड़ा था पिछला लोकसभा चुनाव
2019 का लोकसभा चुनाव BSP और समाजवादी पार्टी (SP) ने मिलकर लड़ा था। इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर दोनों पार्टियों ने 38-38 सीटों पर चुनाव भी लड़ा। चुनाव में BSP ने 10 सीटों, जबकि SP ने 5 सीटों पर जीत हासिल की थी और इसके कुछ समय बाद ही BSP ने SP से गठबंधन तोड़ लिया था। पिछले कुछ सालों से BSP ने सत्तारूढ़ भाजपा का कई मुद्दों पर समर्थन भी किया है।