संसद से 3 और विपक्षी सांसद निलंबित, 146 पहुंची संख्या
क्या है खबर?
संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन का सिलसिला जारी है। गुरुवार को विपक्षी गठबंधन INDIA के शीर्ष नेताओं द्वारा सामूहिक निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन के बीच 3 और सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।
निलंबित होने वाले विपक्षी सांसदों में डीके सुरेश, नाकुल नाथ और दीपक बाईज शामिल हैं और यह तीनों कांग्रेस के सांसद हैं।
इसी के साथ संसद के दोनों सदनों से निलंबित विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 146 पहुंच गई है।
क्या है मामला?
कब-कब कितने सांसद निलंबित किए गए?
सबसे पहले 14 दिसंबर को 14 विपक्षी सांसद निलंबित किए गए थे। इसके बाद 18 दिसंबर को रिकॉर्ड 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया।
19 दिसंबर को 49 सांसद लोकसभा से निलंबित कर दिए गए, वहीं 20 दिसंबर को 2 और आज 3 सांसद लोकसभा से निलंबित किए गए।
लोकसभा से कुल 100 और राज्यसभा से 46 सांसद निलंबित किए गए हैं।
ये सांसद संसद की सुरक्षा में सेंध पर अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे।
मार्च
विपक्षी सांसदों ने संसद से विजय चौक तक निकाला विरोध मार्च
गुरुवार को निलंबन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में संसद परिसर से विजय चौक तक विरोध मार्च निकाला और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को जमकर कोसा।
खड़गे ने कहा, "लोकतंत्र और जनता के लिए बोलना हमारा अधिकार है। हम चाहते हैं संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ बोलें, लेकिन प्रधानमंत्री नहीं चाहते हैं कि संसद चले। यह सदन की कार्यप्रणाली का उल्लंघन है।"
लोकसभा
विपक्षी सांसदों की अनुपस्थिति में अहम विधेयक पारित
विपक्षी सांसदों की अनुपस्थिति में अहम विधेयक लोकसभा से पारित किए गए।
आज मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक लोकसभा से पारित हुए।
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी भी थोड़े समय के लिए सदन में पहुंचे। सत्र में सूचीबद्ध सभी विधेयकों के पारित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
विधेयक
राज्यसभा में नए आपराधिक कानूनों से संबंधी विधेयकों पर चर्चा
लोकसभा से जो विधेयक पारित हुए हैं, उनमें नए आपराधिक कानूनों से संबंधित 3 विधेयक भी शामिल हैं।
आज गुरुवार को इन विधेयकों को राज्यसभा में पेश किया गया है और इन पर चर्चा हो रही है।
राज्यसभा से दूरसंचार विधेयक भी पारित हो गया है, जिसमें सरकार को लोगों के मैसेज रोकने की बेहद खतरनाक ताकत दी गई है। इसके अलावा वो किसी भी दूरसंचार नेटवर्क को अपने कब्जे में भी ले सकती है।