
शिवराज सरकार पर घटिया टेस्टिंग किट के इस्तेमाल का आरोप, कांग्रेस ने कही घोटाले की बात
क्या है खबर?
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए खराब गुणवत्ता वाली टेस्टिंग किट्स इस्तेमाल कर रही है और इन्हें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से मंजूरी नहीं मिली है।
कांग्रेस ने इसे लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है। पार्टी का आरोप है कि ये किट दक्षिण कोरिया से खरीद गई थीं और इनकी खरीद में घोटाला हुआ है।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
बयान
पटवारी बोले- मुख्यमंत्री को इसकी सजा देगी जनता
इंडिया टुडे के अनुसार, कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया से टेस्टिंग किट न खरीदने की बात कही थी, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने यह बात नहीं मानी और किट खरीदी। मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहूंगा कि वे कोरोना महामारी से लड़ रहे थे या किसी तरह के प्रबंधन में लगे हुए थे?"
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता शिवराज सिंह चौहान की इसकी सजा जरूर देगी।
मामला
क्या है टेस्टिंग किट्स खरीद का मामला?
मध्य प्रदेश सरकार ने दक्षिण कोरियाई कंपनी रैपजिन से 7.18 करोड़ रुपये में 'बायो क्रेडिट कोविड AG' टेस्टिंग किट्स खरीदी थी। एक किट की कीमत करीब 48 रुपये पड़ी थी। अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्य में इनका इस्तेमाल किया गया था।
ICMR ने इन किट्स को 'गैर प्रमाणित' कैटेगरी में डाला है। न सिर्फ ICMR बल्कि राज्य की सैंपलिंग टीम के नोडल अधिकारी डॉ केके अग्रवाल ने भी इन किट्स को लेकर सवाल उठाए थे।
टेस्टिंग किट
नोडल अधिकारी ने कही थी ये बातें
डॉ अग्रवाल ने राज्य सरकार को लिखे पत्र में कहा था ये किट्स मानकों पर खरा नहीं उतरती और संक्रमित व्यक्ति की रिपोर्ट भी नेगेटिव दिखाती हैं। इन किट्स को ICMR ने मंजूरी नहीं दी है इसलिए रैपिड टेस्ट एंट्री नहीं की जा सकती।
अपने पत्र में उन्होंने राज्य सरकार से बेहतर गुणवत्ता वाली टेस्टिंग किट मुहैया कराने की मांग की थी।
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए सफाई दी है।
प्रतिक्रिया
सरकार ने इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि ये आरोप झूठे हैं और इन किट्स की खरीद में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है।
राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ये किट्स खराब स्टैंडर्ड वाली नहीं थीं। अगर इन किट्स को वैलिडिटी सर्टिफिकेट नहीं मिला होता तो ये ICMR के पोर्टल पर मौजूद सूची में शामिल नहीं होती।
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि खराब किट्स का इस्तेमाल हुआ है।
जानकारी
मध्य प्रदेश में संक्रमण की क्या स्थिति?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मध्य प्रदेश में अभी तक 7,91,767 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 138 सक्रिय मामले हैं, 7,81,117 महामारी को हराकर ठीक हो चुके हैं और 10,512 लोगों की मौत हुई है।