इस देश में जिंदा लोगों का भी होता है अंतिम संस्कार, जानिए इसके पीछे की वजह
मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करके उसे इस दुनिया से हमेशा के लिए विदा कर दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी किसी जिंदा व्यक्ति का अंतिम संस्कार होते हुए देखा है? शायद नहीं देखा होगा, क्योंकि ऐसा संभव ही नहीं है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ जिंदा लोगों का भी अंतिम संस्कार किया जाता है। आइए जानें कि आख़िर ऐसा करने के पीछे क्या वजह है।
जीवन को बेहतर बनाने के लिए चखते हैं मौत का स्वाद
बता दें कि दक्षिण कोरिया के लोग इन दिनों अपने जीवन को बेहतर ढंग से समझने और इसे सुधारने के लिए मौत का स्वाद चख रहे हैं। इस तरीक़े को उन्होंने 'लिविंग फ़्यूनरल' नाम दिया है, यानी जिंदा लोगों का अंतिम संस्कार। आपने लोगों को जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई अजीबो-गरीब काम करते देखा होगा। कुछ लोग योग करते हैं तो कुछ आर्ट ऑफ लिविंग की क्लास लेते हैं, लेकिन यह अब तक का सबसे अनोखा तरीक़ा है।
सात सालों में हुआ है 25,000 जिंदा लोगों का अंतिम संस्कार
'लिविंग फ़्यूनरल' प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति दस मिनट तक ख़ुद से ताबूत में कफ़न ओढ़कर लेटा रहता है। केवल यही नहीं, इस प्रक्रिया से पहले उन सभी रस्मों को भी अंजाम दिया जाता है, जो किसी व्यक्ति की वास्तविक मौत के बाद किया जाता है। जानकारी के अनुसार, दक्षिण कोरिया में यह आज से नहीं बल्कि पिछले सात सालों से हो रहा है। वहाँ पिछले सात सालों में लगभग 25,000 व्यक्ति अंतिम संस्कार की इस प्रक्रिया से गुज़र चुके हैं।
2012 में शुरू हुआ 'लिविंग फ़्यूनरल'
ख़बरों के अनुसार, 'लिविंग फ़्यूनरल' की शुरुआत ह्योवोन हिलिंग कंपनी ने 2012 में की थी। कंपनी का दावा है कि लोग स्वेच्छा से उनके पास आते हैं। लोगों को उम्मीद है कि जीवन ख़त्म होने से पहले मौत का अहसास करके वो अपनी ज़िंदगी को बेहतर बना सकते हैं। 75 वर्षीय चो जे-ही ने हाल ही में ह्योवोन हिलिंग सेंटर के 'डाइंग वेल' प्रोग्राम में 'लिविंग फ़्यूनरल' का अनुभव लिया। इसके बारे में उन्होंने अपना अनुभव भी साझा किया।
मौत को महसूस करने के बाद सजग हो जाते हैं आप: चो
चो का कहना है कि एक बार जब आप अपनी मौत को महसूस कर लेते हैं, तो उसे लेकर सजग हो जाते हैं। तब आप जीवन में एक नया दृष्टिकोण अपनाते हैं। वहीं, आसन मेडिकल सेंटर के पैथोलॉजी विभाग के प्रोफ़ेसर यू यून-साइल ने बताया कि कम उम्र में भी मौत के बारे में सीखना और उसकी तैयारी करना काफ़ी महत्वपूर्ण है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यू मौत के बारे में एक किताब भी लिख चुके हैं।
एक तरह का आध्यात्म है 'लिविंग फ़्यूनरल'
दुनिया में आज ज़्यादातर लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए और उसके महत्व को समझने के लिए आध्यात्म का मार्ग अपना रहे हैं। दक्षिण कोरियाई लोगों द्वारा अपनाया जा रहा 'लिविंग फ़्यूनरल' भी एक तरह का आध्यात्म ही है।