
महा विकास अघाड़ी में दरार? द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने पर शिवसेना से नाराज हुई कांग्रेस
क्या है खबर?
शिवसेना की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के ऐलान के बाद कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने इस पर गहन चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव विचारधारा की लड़ाई है। यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए सतत चलने वाला संघर्ष है। यह किसी महिला बनाम पुरुष या आदिवासी बनाम गैर-आदिवासी का सवाल नहीं है।
पृष्ठभूमि
ठाकरे ने किया मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान
मंगलवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी।
उन्होंने कहा कि कुछ शिवसैनिकों, खासकर आदिवासी समुदाय में काम करने वालों ने निवेदन किया था कि अगर आप द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे तो उन्हें खुशी होगी। इन अनुरोधों को मानते हुए शिवसेना मुर्मू का समर्थन करेगी।
हालांकि, उनका यह फैसला महाराष्ट्र में शिवसेना की सहयोगी पार्टी कांग्रेस को पसंद नहीं आया है।
प्रतिक्रिया
क्या बोले थोराट?
एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए थोराट ने लिखा कि संविधान और लोकतंत्र के समर्थक सभी लोग यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं। बता दें, यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार हैं।
थोराट ने आगे लिखा, "शिवसेना ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन क्यों दिया? वो इसके पीछे कुछ कारण बता रहे हैं, लेकिन हम नहीं कह सकते कि शिवसेना के असल नेतृत्व की इसके पीछे क्या भूमिका है।"
प्रतिक्रिया
शिवसेना ने नहीं की कोई चर्चा- थोराट
अगले ट्वीट में थोराट ने लिखा कि शिवसेना अलग राजनीतिक दल है और वो स्वतंत्र रूप से अपने फैसले ले सकता है, लेकिन विचारधारा की इस लड़ाई में शिवसेना की भूमिका ऐसे वक्त समझ से परे है, जब राज्य सरकार को गैर-लोकतांत्रिक तरीके से गिरा दिया गया और शिवसेना के अस्तित्व को चुनौती दी गई।
कांग्रेस नेता ने लिखा, "शिवसेना महा विकास अघाड़ी का हिस्सा है, लेकिन उन्होंने यह फैसला लेते हुए हमसे कोई चर्चा नहीं की।"
जानकारी
शिवसेना का मुर्मू को समर्थन देना इसलिए अहम
2019 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के वक्त सहमति न बनने कारण शिवसेना ने भाजपा से सालों पुराना नाता तोड़ लिया था।
हाल ही में भाजपा ने शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है। इस बगावत के कारण ठाकरे की कुर्सी चली गई थी।
इन सबके बीच ठाकरे का भाजपा के नेतृत्व वाले NDA की उम्मीदवार का समर्थन करना काफी अहम माना जा रहा है।
जानकारी
मुर्मू का समर्थन भाजपा को समर्थन नहीं- राउत
सोमवार को पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना मुर्मू का समर्थन कर रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह भाजपा के साथ जा रही है। शिवसेना वही करती है जो उसे ठीक लगता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
क्या है इस फैसले के मायने?
सूत्रों का कहना है कि मुर्मू का समर्थन कर ठाकरे ने बड़ा संदेश दिया है। दरअसल, ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंध मधुर बनाए रखना और केंद्र से बिगड़ चुके रिश्तों को सुधारना चाहते हैं।
इस फैसले के साथ ठाकरे ने यह भी साफ कर दिया है कि शिवसेना और भाजपा की दोस्ती के दरवाजे हमेशा के लिए बंद नहीं हुए हैं।
वहीं कुछ लोग बोल रहे हैं कि शिवसेना के पास इस मामले में सीमित विकल्प थे।