नए संसद भवन की छत पर बने अशोक स्तंभ को लेकर क्यों हो रहा विवाद?
क्या है खबर?
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बन रही नई संसद की छत पर बनाए गए राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
विपक्ष ने सरकार पर राष्ट्रीय प्रतीक के साथ छेड़छाड़ करने और अशोक स्तंभ के शेरों को बदलने का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे आकार का मसला बताया है।
ये पूरा विवाद क्या है, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
शुरूआत
प्रधानमंत्री के अनावरण के बाद सामने आया नया अशोक स्तंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर बन रहे अशोक स्तंभ का अनावरण किया था, जिसके बाद ये पहली बार दुनिया के सामने आया।
ये अशोक स्तंभ 6.5 मीटर ऊंचा है और इसे 9,500 किलो तांबे से बनाया गया है।
ये 250 ईसा पूर्व सम्राट अशोक महान द्वारा देशभर में बनाए गए अशोक स्तंभों की नकल है, जिनमें चार शेर होते हैं। अभी तक वाराणसी के सारनाथ में सबसे बड़ा अशोक स्तंभ था।
आलोचना
नए शेरों पर आलोचकों का क्या कहना है?
विपक्षी पार्टियों, तमाम विशेषज्ञों और जानकारों का कहना है कि नए संसद भवन की छत पर बनाए गए अशोक स्तंभ में शेर वास्तविक और ऐतहासिक अशोक स्तंभ के शेरों की तुलना में अधिक क्रूर दिखते हैं।
जानकारों के अनुसार, सारनाथ में स्थित वास्तविक शेर दयालु और राजसी वैभव वाले हैं जो संयमित शक्ति, शांति और आत्मविश्वास एक साथ दर्शाते हैं। इसके विपरीत नए शेरों में एक आक्रामकता है और वे गरजते-दहाड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
बयान
विपक्षी पार्टियों ने क्या कहा?
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख जयराम रमेशन ने मामले पर ट्वीट करते हुए कहा, 'सारनाथ के अशोक स्तंभ में शेरों की प्रकृति को पूरी तरह से बदल दिया गया है। यह भारत के राष्ट्रीय चिह्न का निर्लज्ज अपमान है।'
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इसे पूर्वजों और देश का सबकुछ निगल जाने की आदमखोर प्रवृति का प्रतीक बताया।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद जवाहर सरकार ने इसे राष्ट्रीय चिन्हा का अपमान बताया है।
सरकार का पक्ष
सरकार ने पूरे विवाद पर क्या कहा?
पूरे विवाद पर सरकार का पक्ष रखते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया, 'यह अनुपात और दृष्टिकोण बोध का मामला है। कहा जाता है कि सौंदर्य आपकी आंखों में होता है। शांति और गुस्सा के साथ भी यही है। सारनाथ का अशोक स्तंभ 1.6 मीटर ऊंचा है और संसद की नई इमारत पर जिस राष्ट्रीय चिह्न को लगाया गया है, वह 6.5 मीटर लंबा है।'
कुछ विशेषज्ञों ने भी मामले में सरकार का समर्थन किया है।
सेंट्रल विस्टा परियोजना
न्यूजबाइट्स प्लस
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक के चार किलोमीटर लंबे राजपथ को विकसित और संवारा जाएगा और यहां नए संसद भवन और कॉमन केंद्रीय सचिवालय समेत कई नई इमारतों का निर्माण किया जाएगा।
नए संसद भवन का कार्य इस साल पूरा हो जाएगा और इसमें 1,224 सांसदों के बैठने की जगह होगी। इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग पेपर रहित कार्यालय भी बनाए जाएंगे।
पूरी योजना पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।