राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार का समर्थन करेगी शिवसेना- उद्धव ठाकरे
राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। इसका ऐलान करते हुए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह फैसला बिना किसी दबाव के लिए लिया गया है और सांसदों की बैठक में किसी ने भी इसके लिए दबाव नहीं बनाया था। इससे एक दिन पहले खबरें आई थीं कि शिवसेना के सांसदों ने ठाकरे से राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को समर्थन देने की मांग की है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
"सांसदों की बैठक में नहीं था कोई दबाव"
उद्धव ठाकरे ने कहा, "आज मैं अपनी तरफ से बोल रहा हूं क्योंकि अजीबोगरीब तरीके से कुछ खबरें निकली हैं। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सांसदों की बैठक में कोई दबाव नहीं था। यह हमारा फैसला है।"
ठाकरे ने कही ये बातें
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ शिवसैनिकों, खासकर आदिवासी समुदाय में काम करने वालों ने निवेदन किया था कि अगर आप द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे तो उन्हें खुशी होगी। इन अनुरोधों को मानते हुए शिवसेना मुर्मू का समर्थन करेगी। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पूर्व में प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी को दिए समर्थन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन मौकों पर शिवसेना ने देश के बारे में सोचा था।
मुर्मू का समर्थन इसलिए भी महत्वपूर्ण
2019 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के वक्त सहमति न बनने कारण शिवसेना ने भाजपा से सालों पुराना नाता तोड़ लिया था। हाल ही में भाजपा ने शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है। इस बगावत के कारण ठाकरे की कुर्सी चली गई थी। इन सब के बीच ठाकरे का भाजपा के नेतृत्व वाले NDA की उम्मीदवार का समर्थन करना काफी अहम माना जा रहा है।
मुर्मू का समर्थन भाजपा को समर्थन नहीं- राउत
सोमवार को पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना मुर्मू का समर्थन कर रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह भाजपा के साथ जा रही है। शिवसेना वही करती है जो उसे ठीक लगता है।
कब है राष्ट्रपति चुनाव?
राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा और अगर जरूरत पड़ी तो 21 जुलाई को मतगणना की जाएगी। 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति शपथ लेंगे। देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। पटना के एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे यशवंत सिन्हा ने अपने पेशेवर करियर की शुरूआत IAS अधिकारी के तौर पर की थी।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय की संथाल जनजाति से आती हैं। ओडिशा सरकार में जूनियर सहायक और रायरंगपुर के श्री अरविंदो इंटिग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में कई सालों तक शिक्षक रहने के बाद उन्होंने 1997 में पार्षद का चुनाव जीतकर अपनी राजनीति की शुरूआत की। वे 2000 और 2009 में भाजपा की टिकट पर रायरंगपुर सीट से विधायक चुनी गईं। मुर्मू झारखंड की राज्यपाल (2015-2021) भी रह चुकी हैं।