एकनाथ शिंदे का महाराष्ट्र सरकार को पत्र, बागी विधायकों के परिजनों की सुरक्षा छीनने से चिंतित
शिवसेना में बगावत का बिगुल फूंकने वाले बागी नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र सरकार पर विधायकों के परिवार की सुरक्षा वापस लेने का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर शिंदे ने कहा कि विधायकों के आवास और उनके परिजनों को दी गई सुरक्षा बदले की भावना के तहत अवैध तरीके से वापस ले ली गई है। यह इन विधायकों के दृढ़ संकल्प को तोड़ने की कोशिश है।
सुरक्षा से किया जा रहा समझौता- पत्र
38 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ लिखे इस पत्र में कहा गया है कि खतरे को देखकर उन्हें सुरक्षा दी गई थी। जिस खतरे के कारण उन्हें महाराष्ट्र छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था, वह अब और ज्यादा बढ़ गया है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि सुरक्षाकर्मियों को वापस लेकर न सिर्फ उनके परिजनों की सुरक्षा से समझौता किया गया है बल्कि महाविकास अघाड़ी (MVA) के नेता अपने कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए भी भड़का रहे हैं।
संजय राउत की टिप्पणी का किया गया जिक्र
इस पत्र में शिवसेना नेता संजय राउत की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगाया गया है। इसमें संजय राउत ने कहा था कि जाने वाले विधायकों का वापस आना और महाराष्ट्र में घूमना मुश्किल हो जाएगा। इसमें आगे लिखा गया है कि ऐसे बयानों का ही असर है कि सुरक्षा हटाए जाने के कुछ ही घंटे बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने दो विधायकों के कार्यालयों में तोड़फोड़ की थी।
अनहोनी होने पर ठाकरे और पवार होंगे जिम्मेदार- पत्र
पत्र में प्रोटोकॉल के तहत दी गई सुरक्षा बहाल करने की मांग करते हुए कहा गया है कि विधायकों के परिवार के साथ कुछ भी अनहोनी होती है तो इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री, शरद पवार, संजय राउत और आदित्य ठाकरे जैसे MVA के नेता होंगे। इस पत्र पर एकनाथ शिंदे, भरत गोगावले, अब्दुल सत्तार, प्रदीप शिवनारायरण जैस्वाल, सुहास द्वारकानाथ कांदे, दीपक केसरकर, दादाजी भूसे और गुलाबराव पाटिल समेत 38 विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
शिवसेना ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
एकनाथ शिंदे के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि विधायक होने के नाते उन्हें सुरक्षा दी जाती है। विधायकों के परिवारों को वैसी ही सुरक्षा नहीं दी जा सकती।
शिंदे की बगावत से शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार पर संकट के बादल
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत ने शिवसेना और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। असम की राजधानी गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिंदे ने निर्दलीयों समेत करीब 50 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शुक्रवार को 37 बागियों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर शिंदे को अपना नेता बताया है। अगर शिंदे 37 विधायकों के साथ पार्टी बदलते हैं तो उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा।