
केरल कांग्रेस ने जारी की 4.3 लाख दोहरे मतदाताओं की सूची, आयोग ने बताया गलती
क्या है खबर?
केरल में 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा धमाका किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने बुधवार रात को 4.3 लाख ऐसे मतदाताओं की सूची जारी की है, जिनके मतदाता सूची में कई बार नाम दर्ज हैं।
इस सूची के बाद चुनाव आयोग सकते में आ गया है। इस सूची में निर्वाचन क्षेत्र वार दोहरे मतदाताओं का नाम शामिल किया गया है। अब सूची को लेकर केरल में विवाद खड़ा हो गया है।
वेबसाइट
ऑपरेशन टि्वंस डॉट कॉम वेबसाइट पर जारी की सूची
कांग्रेस नेता चेन्निथला ने इस सूची को ऑपरेशन टि्वंस डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर जारी किया है। इस वेसाबइट के जरिए जिला और निर्वाचन क्षेत्र वार दोहरे मतदाताओं की सूची प्राप्त की जा सकती है।
सूची जारी करने के बाद चेन्नितला ने कहा, "इसी सूची को तैयार करने में महीनों लगे हैं। यह बहुत ही मेहतन का काम था। हमारा इरादा मतदान स्थगित कराने का नहीं है, लेकिन लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए यह जरूरी है।"
जवाब
चुनाव आयोग ने बताया कि लिपिकीय गलती
इससे पहले मंगलवार को मामले को लेकर केरल उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में चुनाव आयोग ने मतादाता सूची में 38,586 ही दोहरे मतदाता होना बताया था।
आयोग ने कहा था कि उसके सघन विश्लेषण से मतदाता सूचियों में 3,16,671 प्रविष्टियों की जांच की थी। उनमें से केवल 38,586 मतदाताओं के नाम ही दो या उससे अधिक जगह मिले हैं। ऐसे में अन्य प्रविष्टियों लिपिकीय गलती के कारण दर्ज हुई है। इन्हें जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा।
जानकारी
उच्च न्यायालय ने दिए थे सख्त कदम उठाने के आदेश
चुनाव आयोग के जवाब से उच्च न्यायालय पूरी तरह संतुष्ट नजर नहीं आया और उसने आयोग को दोहरे मतदाताओं के मामले की गहन जांच करते हुए सख्त कदम उठाने के आदेश दिए थे। उसके बाद जारी हुई इस सूची ने आयोग की परेशानी बढ़ा दी।
प्रतिक्रिया
सूची के जरिए लीक की गई मतदाताओं की व्यक्तिगत जानकारी- माकपा
सत्तारूढ़ माकपा ने विपक्षी नेता द्वारा सूची जारी किए जाने की आलोचना की और कहा कि यह राज्य के चुनावों में देरी कराने की एक चाल है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता एमए बेबी ने कहा, "हमे लगता है यह डाटा का एक गंभीर उल्लंघन है। कई मतदाताओं की व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई। हमने पाया कि विवरण दूसरे देश से आया था। सत्ता में आने के बाद हम इसकी जांच करेंगे। यह चुनाव में देरी कराने की बड़ी चाल है।"
इस्तेमाल
इस तरह से होता है दोहरे मतदाताओं का इस्तेमाल
बता दें कि केरल के कई निर्वाचन क्षेत्रों में आमतौर पर पार्टियों के बीच करीबी लड़ाई देखने को मिलती है। ऐसे मामलों में दोहरे मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
चेन्निथला ने पहले आरोप लगाया था कि दोहरे नाम जोड़ने के पीछे लेफ्ट ट्रेड यूनियनों के प्रति निष्ठा रखने वाले सरकारी अधिकारियों का हाथ रहता है। उत्तर केरल में पार्टी बाहुल्य गांवों में सभी चुनावों में फर्जी मतदान की शिकायतें आती है। यह सब दोहरे मतदाताओं के कारण होता है।