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अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर कांग्रेस में उठी अलग-अलग आवाजें, पार्टी ने बुलाई कार्यसमिति की बैठक

अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर कांग्रेस में उठी अलग-अलग आवाजें, पार्टी ने बुलाई कार्यसमिति की बैठक

Aug 06, 2019
11:42 am

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस में कई राय सुनने को मिल रही है। पार्टी ने मंगलवार को बैठक बुलाई है जिसमें पार्टी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर एक राय बनाने की कोशिश करेगी। बता दें, सरकार ने सोमवार को अनुच्छेद 370 के तहत मिले जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का बिल पेश किया है।

बैठक

सोनिया गांधी करेंगी बैठक की अध्यक्षता

सोनिया गांधी ने मंगलवार सुबह संसद में पार्टी के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। इसके बाद शाम को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी। दरअसल, सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस में कई स्वर उठे थे। पार्टी ने संसद में सरकार का विरोध किया था। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा हटाकर भाजपा ने संविधान की हत्या की है। वहीं कई दूसरे नेताओं ने पर इसका समर्थन किया था।

कांग्रेस को झटका

राज्यसभा में कांग्रेस व्हिप ने दिया इस्तीफा

राज्यसभा में कांग्रेस के व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने संसद में पार्टी के रूख का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि कांग्रेस ने उनसे राज्यसभा में व्हिप जारी करने को कहा था, लेकिन उन्हें लगा कि यह देश की भावनाओं के खिलाफ है। इसलिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि कलिता भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकती है।

विरोध

कांग्रेस में उठे अलग स्वर

कलिता के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, मुंबई कांग्रेस प्रमुख मिलिंद देवड़ा और पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जम्मू-कश्मीर को दिए विशेष दर्ज को समाप्त करने के फैसले का समर्थन किया था। द्विवेदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 'इतिहास की गलती' थी, जिसे दूर किया गया है। देवड़ा ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर देश हित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वहीं हुड्डा ने कहा कि आज के दौर में अनुच्छेद 370 की जरूरत नहीं है।

विरोध

सदन के भीतर और बाहर अलग-अलग आवाजें

इन नेताओं के बयान के बाद कांग्रेस के लिए असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई थी। कांग्रेस ने सदन के भीतर अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी थी। उनके भाषणों से यह संदेश गया कि भाजपा ने यह कदम देशहित की बजाय अपना एजेंडा फैलाने के लिए उठाया है। द्विवेदी का बयान सामने आने के बाद कांग्रेस ने इससे किनारा किया था। इन नेताओं के अलावा रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने भी इस फैसले का समर्थन किया था।

फैसला

सरकार ने खत्म किया जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा

मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सोमवार को जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा समाप्त कर दिया है। इसके बाद से अब जम्मू-कश्मीर में पूरे देश की तरह सभी कानून लागू होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में इसका वादा किया था। यह फैसला लिए जाने से पहले जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह बंद कर दिया था। पूरे राज्य में इंटरनेट और टेलीफोन सेवाएं बंद हैं और और नेताओं को नजरंबद कर दिया गया था।