मानहानि मुकदमे में केजरीवाल को जमानत, भाजपा पर लगाया था वोटरों का नाम काटने का आरोप
दिल्ली की एक कोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत देते हुए मानहानि के एक मुकदमे में जमानत दे दी। केजरीवाल को 10,000 रुपये की राशि पर जमानत दी गई। सुनवाई के दौरान केजरीवाल खुद कोर्ट में पेश हुए। भारतीय जनता पार्टी नेता राजीव बब्बर ने दिल्ली भाजपा के हवाले से उनके खिलाफ ये शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में अन्य आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं का भी नाम शामिल था।
केजरीवाल ने लगाया था 30 लाख लोगों को नाम काटने का आरोप
पिछले साल दिसंबर में अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए भाजपा पर 4 लाख बनियों, 8 लाख मुस्लिमों, 15 लाख पूर्वांचलियों और अन्य 3 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाते का आरोप लगाया था। राजीव बब्बर ने इसी संबंध में AAP नेताओं पर भाजपा की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। AAP राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता, विधायक मनोज कुमार और आतिशी भी मामले में सह-आरोपी हैं।
चुनाव आयोग ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
इससे पहले की सुनवाई में चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया था कि AAP नेताओं के आरोप बेबुनियाद और तथ्यों से परे हैं। आयोग ने कहा था कि मतदाता सूची में नामों को जोड़ना और हटाना एक नियमित प्रक्रिया है, जो बिना किसी राजनीतिक पार्टी या निजी एजेंसी के प्रभाव में आए की जाती है। चुनाव आयोग की इस दलील के बाद अब अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने केजरीवाल को जमानत दी है।
अन्य AAP नेताओं को भी मिली जमानत
कोर्ट ने केजरीवाल के साथ आतिशी, सुशील कुमार गुप्ता और मनोज कुमार को भी जमानत दे दी है। AAP प्रवक्ता आतिषी ने कोर्ट में पेशी से छूट मांगी थी और वह मंगलवार को हुई इस सुनवाई में पेश नहीं हुई।
'हिट एंड रन' की राजनीति करते रहे हैं केजरीवाल
बता दें कि केजरीवाल ने अपनी राजनीति के शुरूआती दौर में 'हिट एंड रन' प्रकार की राजनीति करते थे। 'हिट एंड रन' राजनीति मतलब किसी नेता या विरोधी पर आरोप लगाकर खुद अलग हो जाना और उन्हें साबित करने का जिम्मा उसी नेता पर छोड़ देना। इस दौरान उन्होंने अरुण जेटली और नितिन गडकरी समेत कई नेताओं पर आरोप लगाए थे। कई मानहानि मुकदमे होने के बाद उन्होंने इनमें से कई से पत्र लिखकर माफी मांग ली थी।