Page Loader
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव: चाय बेचने वाले जीववर्धन महापौर बने, भाजपा ने सभी नगर निगम सीटें जीतीं 
भाजपा ने छत्तीसगढ़ की सभी 10 नगर निगम पर कब्जा कर लिया है

छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव: चाय बेचने वाले जीववर्धन महापौर बने, भाजपा ने सभी नगर निगम सीटें जीतीं 

लेखन आबिद खान
Feb 15, 2025
07:20 pm

क्या है खबर?

छत्तीसगढ़ नगर निकाय चुनाव के परिणाम आ गए हैं। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए नगर निगम की सभी 10 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। वहीं, कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। दिल्ली में झटके के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए छत्तीसगढ़ से मामूली राहत भरी खबर है। यहां की बोधरी नगर पालिका सीट पर AAP को जीत मिली है और उसने निकाय चुनाव में खाता खोल लिया है।

सीटें

किसे मिली कितनी सीटें?

छत्तीसगढ़ की 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका परिषद और 114 नगर पंचायत के लिए 11 फरवरी को मतदान हुआ था। भाजपा ने नगर निगम की सभी सीटें जीत ली हैं। 49 नगर पालिका में से भाजपा को 36, कांग्रेस को 7, AAP को एक और 5 पर निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली है। नगर पंचायतों में से 81 पर भाजपा, 22 पर कांग्रेस, एक पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) और 10 पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है।

चुनाव

चाय बेचने वाले ने जीता महापौर चुनाव

रायगढ़ नगर निगम में भाजपा ने महापौर पद के लिए चाय बेचने वाले जीववर्धन चौहान को मैदान में उतारा था। जीववर्धन ने करीब 34,000 वोटों से कांग्रेस की जानकी काटजू को हराकर जीत दर्ज की है। जीत के बाद हार पहनकर जीववर्धन लोगों को चाय पिलाते नजर आए। वहीं, रायपुर के पूर्व महापौर रहे एजाज ढेबर पार्षद का चुनाव हार गए हैं। उन्हें करीब 1,500 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है।

बयान

मुख्यमंत्री बोले- आज का दिन ऐतिहासिक

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, "आज का दिन भाजपा और छत्तीसगढ़ सरकार के लिए ऐतिहासिक है। यह छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा, क्योंकि भाजपा ने नगर निकाय चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। छत्तीसगढ़ की जनता और मतदाताओं ने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री की गारंटी और राज्य सरकार के विकास कार्यों में विश्वास जताया है। मैं जनता को आश्वस्त करता हूं कि हमने जो वादे किए थे, उन्हें शत-प्रतिशत पूरा करेंगे।"

पिछले परिणाम

क्या थे पिछले निकाय चुनावों के नतीजे?

2020 में कांग्रेस ने सभी 14 नगर निगमों पर कब्जा जमाया था। इस बार 4 नगर निगम में चुनाव नहीं हुए हैं। पिछली बार महापौर, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुआ था। इस बार प्रत्यक्ष चुनाव हुए हैं। लोगों ने महापौर और अध्यक्ष के लिए सीधे मतदान किया है। 2015 में 13 नगर निगम में चुनाव हुए थे। तब 5 पर कांग्रेस, 6 पर भाजपा और 2 पर निर्दलीयों को जीत मिली थी।