छत्तीसगढ़: सिंहदेव का बड़ा बयान, बोले- मुख्यमंत्री की रेस में बघेल का नाम पहले नंबर पर
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर राज्य में कांग्रेस जीतती है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भूपेश बघेल का नाम पहले नंबर पर होगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री बघेल के अगुवाई में 'सामूहिक नेतृत्व' के तहत विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि पार्टी इस बार के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करते हुए 60 से 75 सीटों पर कब्जा जमाएगी।
पद
मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर क्या बोले सिंहदेव?
समाचार एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में सिंहदेव ने कहा, "अगर किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को नहीं हटाया गया है, तो इसका मतलब है कि पार्टी को उस व्यक्ति पर भरोसा है। अगर वो व्यक्ति टीम को जीत दिलाने में सक्षम है और जीत के बाद कप्तान क्यों बदला जाना चाहिए।"
जब सिंहदेव से पूछा गया कि कांग्रेस की जीत के बाद भी वे उपमुख्यमंत्री बने रहेंगे तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला आलाकमान लेगा।
बघेल
सिंहदेव बोले- बघेल और मेरे बीच कोई दुश्मनी नहीं थी
बघेल के साथ अपने रिश्तों पर बात करते हुए सिंहदेव ने कहा, "हमारे बीच कभी कोई कड़वाहट या दुश्मनी नहीं थी। हम साथ मिलकर काम कर रहे थे। हालांकि, दोनों के दिमाग पर ढाई साल मुख्यमंत्री पद साझा करने का मुद्दा दबाव डाल रहा था। भूपेश भाई के लिए हर समय जवाब देना मुश्किल था। मेरे लिए मीडिया या हमारे सहयोगियों को जवाब देने की कोशिश करना बहुत मुश्किल था। हालांकि, अब वो समय बीत चुका है।"
उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री बनाए जाने से खुश हैं सिंहदेव?
सिंहदेव से पूछा गया कि उपमुख्यमंत्री बनाया जाना उनका प्रमोशन है या डिमोशन?
इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "मैं कैबिनेट मंत्रियों में से था। अब मैं वो मंत्री हूं, जिसे उपमुख्यमंत्री भी नियुक्त किया गया है। मुझे यकीन है कि बहुत से लोग इसे प्रमोशन के तौर पर देख रहे होंगे। मैं पार्टी, आलाकमान और भूपेश भाई का आभारी हूं, क्योंकि सभी के आशीर्वाद और सहमति से ये हुआ है।"
नियुक्ति
पिछले महीने ही उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं सिंहदेव
बता दें कि पिछले महीने ही सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, तबसे ही दोनों नेताओं के बीच तनातनी की खबरें आ रही थीं।
इस दौरान चर्चा रही कि ढाई-ढाई साल के लिए बघेल और सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिंहदेव भले ही अभी एकता की बात कर रहे हो, लेकिन वे अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलते भी रहे हैं।