चरणजीत सिंह चन्नी बोले- केजरीवाल 'अच्छे कपड़े' नहीं पहनते, मुख्यमंत्री ने किया पलटवार
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने एक बयान के चलते सुर्खियों में हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 'अच्छे कपड़े' नहीं पहनते हैं। इस पर पलटवार करते हुए केजरीवाल ने उन्हें कपड़ों के मुद्दे को छोड़कर लोगों से किए गए वादे पूरे करने की सलाह दी है। केजरीवाल ने बिंदुवार मुद्देे गिनाते हुए पूछा कि पंजाब सरकार के ये वादे कब पूरे होंगे? आइये, पूरी खबर जानते हैं।
केजरीवाल 'अच्छे कपड़े' नहीं पहनते- चन्नी
ABP न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि केजरीवाल का एक महीने का वेतन 2.5 लाख रुपये हैं, फिर भी वो 'अच्छे कपड़े' नहीं पहनते। उन्होंने कहा, "कोई उन्हें 5,000 रुपये दे दो। कपड़े तो अच्छे सिलवा लें। क्या उनके पास सूटबूट नहीं होते। 2.5 लाख उसकी तनख्वाह है और अच्छे कपड़े नहीं सिलवा सकता?" आगे उन्होंने कहा कि केजरीवाल फटे हुए कपड़े और घिसे जूते पहनकर ड्रामा करते हैं।
केजरीवाल ने किया पलटवार
चन्नी के बयान पर पलटवार करते हुए केजरीवाल ने बुधवार को ट्वीट कर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि चन्नी साहब को उनके कपड़े पंसद न आए, लेकिन लोगों को पंसद हैं। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए पूछा कि पंजाब सरकार हर बेरोजगार को रोजगार देने, किसानों का कर्ज माफ करने, बेअदबी के दोषियों को जेल भेजने और दागी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों पर कार्रवाई का वादा कब पूरा करेगी?
केजरीवाल बोले- कपड़े छोड़ो, ये वादे कब पूरे करोगे?
पंजाब में आमने-सामने होगी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां पर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अकाली दल से अधिक सीटें दर्ज की थीं और विधानसभा में विपक्षी पार्टी बनी थी। इस बार आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि कांग्रेस में चल रही गुटबाजी से उसे फायदा मिलेगा और वह बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी।
पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे चन्नी
अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पिछले महीने पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाया गया था। वो पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। तीन बार के विधायक चन्नी अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे और उनका नाम उन नेताओं में लिया जाता है, जिन्होंने कैप्टन के खिलाफ बगावत की शुरुआत की थी। उन्होंने 20 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी को उनके साथ उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।