दिल्ली में पिछले पांच सालों से रोजाना काटे जा रहे औसतन आठ पेड़- RTI
बीते पांच सालों के दौरान राजधानी दिल्ली में रोजाना औसतन आठ पेड़ काटे जा रहे हैं। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है। RTI के जवाब में बताया गया है कि अगस्त, 2016 से लेकर अगस्त, 2021 तक दिल्ली में नागरिकों, दिल्ली और केंद्र सरकार के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के लिए 15,090 पेड़ काटने की अनुमति दी गई है। यह RTI 2018 में लगाई गई थी, जिसका जवाब अब मिला है।
बिना मंजूरी के भी काटे गए पेड़- RTI कार्यकर्ता
यह RTI लगाने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ कहते हैं कि एक पेड़ चार लोगों की ऑक्सीजन की जरूरत पूरी करता है। पेड़ काटने के बदले में लगाई गई पौध को बड़ा होने में कई साल लगते हैं और कितने पौधे बड़े पेड़ बनते हैं, इस पर भी नजर रखी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि RTI में अनुमति लेकर काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या बताई गई है, जबकि बड़ी संख्या में बिना मंजूरी के भी पेड़ काटे गए हैं।
2018 में लगाई गई थी RTI
TOI से बात करते हुए विक्रांत ने बताया कि उन्होंने 2018 में यह RTI लगाई थी, जिसका जवाब उन्हें बीते बुधवार को मिला है। इसमें दिल्ली सरकार के वन विभाग की तरफ से पिछले पांच साल के आंकड़े दिए गए हैं।
हाइवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई अधिकतर मंजूरियां
वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली की करीब 25 प्रतिशत जमीन पर जंगल है, ऐसे में पांच सालों के दौरान केवल 15,000 पेड़ कटना बहुत छोटी संख्या है। उन्होंने इस संख्या को कम बताते हुए कहा कि इसमें केवल वो मंजूरियां शामिल हैं, जहां पर पेड़ काटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। विभाग की तरफ से अधिकतर अनुमतियां हाइवे और मेट्रो प्रोजेक्ट बनाने के लिए दी गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट की समिति ने बताई थी एक पेड़ की कीमत
सु्प्रीम कोर्ट की एक समिति ने इस साल फरवरी में बताया था कि एक पेड़ की कीमत 74,500 रुपये प्रति वर्ष होती है। यानी पेड़ जितने साल पुराना है, उसको 74,500 रुपये से गुणा कर लें। अब जो रकम आती है, वह उस पेड़ की आर्थिक कीमत है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में पेड़ों से मिलने वाली ऑक्सीजन और दूसरे फायदों के आधार पर कीमत का पता लगाने के लिए समिति गठित की थी।
एक साल में 45,000 रुपये के मूल्य की ऑक्सीजन देता है एक पेड़
समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि 100 साल से अधिक पुराने पेड़ की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। इस हिसाब से कई बार जिस प्रोजेक्ट के लिए सैकड़ों पेड़ काटे जाते हैं, वह पूरा प्रोजेक्ट काटे जाने वाले पेड़ों की आर्थिक और पर्यावरणीय कीमत से कम का होता है। 74,500 रुपये में से 45,000 रुपये सिर्फ ऑक्सीजन और 20,000 रुपये जैव उर्वरकों के होते हैं।