मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ेंगे पंजाब विधानसभा चुनाव- कांग्रेस
पंजाब कांग्रेस में आतंरिक कलह के बीच कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि पार्टी राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ेगी। राज्य प्रभारी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आज कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा, "हम 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ेंगे।" यह बयान नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे के लिए बड़ा झटका है।
अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहा है एक धड़ा
गौरतलब है कि रावत का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब कांग्रेस के विधायकों का एक खेमा अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग कर रहा है। कल चार मंत्रियों समेत पार्टी के 23 विधायकों ने इस संबंध में एक बैठक की थी और मामले में केंद्रीय नेतृत्व को एक पत्र लिखने का फैसला लिया था। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने मामले में सोनिया गांधी से मुलाकात करने की बात कही थी।
देहरादून में रावत से मिले कैबिनेट मंत्री
आज भी चार कैबिनेट मंत्री इसी मामले को लेकर देहरादून में रावत से मिले। इस बैठक के बाद उनके दिल्ली जाकर सोनिया गांधी से मुलाकात करने की संभावना है। इन मंत्रियों में बाजवा, सुखविंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरनजीत सिंह चन्नी शामिल रहे।
पंजाब में आंतरिक कलह से जूझ रही है कांग्रेस
बता दें कि पंजाब में पिछले काफी समय से अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव चल रहा है और पार्टी दो खेमों में बंटी गई है। इस टकराव से होने वाले नुकसान से बचने के लिए मामले में सीधे गांधी परिवार ने दखल दिया और शांति समझौते के तहत सिंद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था। सिद्धू ने पिछले महीने ही राज्य इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला है।
अमरिंदर ने किया था सिद्धू के प्रमोशन का विरोध
अमरिंदर सिंह ने खुले तौर पर सिद्धू के इस प्रमोशन का विरोध किया था, लेकिन पार्टी हाईकमान ने उनके विरोध को नजरअंदाज कर दिया। इसके अलावा पार्टी ने उपाध्यक्ष के पदों पर तैनाती को लेकर भी मुख्यमंत्री की मांगों को नहीं माना गया। अमरिंदर ने सिद्धू के सामने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की शर्त भी रखी थी, हालांकि ऐसा भी नहीं हुआ। इसके बावजूद दोनों पक्षों में पिछले कुछ समय से तनातनी कम हो गई थी।
सिद्धू के सलाहकारों के विवादित बयान से फिर आमने-सामने आए दोनों खेमे
अब सिद्धू के सलाहकारों के पाकिस्तान और कश्मीर पर विवादित बयान से दोनों पक्ष एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। सिद्धू के सलाहकार मालविंदर माली ने फेसबुक पर लिखा था, 'UNO प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर पर गैरकानूनी कब्जा कर रखा है। अगर कश्मीर भारत का हिस्सा है तो फिर अनुच्छेद 370 और 35-A की क्या जरूरत थी?' अमरिंदर के खेमे ने सिद्धू से अपने सलाहकारों को बर्खास्त करने को कहा था।