जदयू से बाहर किए गए प्रशांत किशोर और पवन वर्मा
क्या है खबर?
नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से बाहर कर दिया है।
ये दोनों नेता नागरिकता कानून को लेकर पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।
प्रशांत किशोर ने नागरिकता कानून को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर एक के बाद एक कई निशाने साधे थे।
वहीं, पवन वर्मा ने चिट्ठी लिखकर जदयू और भाजपा के गठबंधन पर सवाल उठाए थे।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
जानकारी
पार्टी से अलग राह पर थे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर लंबे समय से पार्टी के स्टैंड से हटकर बयानबाजी कर रहे थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर वो पार्टी छोड़कर जाना चाहते हैं तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।
राजनीति
बतौर उपाध्यक्ष जदयू से जुड़े थे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनावों में बड़े रणनीतिकार के रूप में उभरे थे। इन चुनावों में उन्होंने भाजपा के लिए कई रणनीतियां बनाईं, जो बेहद सफल रही। बाद में नीतीश कुमार के साथ जुड़े और उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया।
नीतीश कुमार कई मौके पर कह चुके हैं कि उन्होंने अमित शाह के कहने पर किशोर को पार्टी में शामिल किया था।
उपाध्यक्ष बनने के बाद से ही किशोर नीतीश के करीबी नेता को खटकने लगे।
प्रशांत किशोर
बिहार में जदयू के साथ, दिल्ली में जदयू के खिलाफ
प्रशांत किशोर अपनी कंपनी I-PAC के जरिए अलग-अलग पार्टियों के प्रचार की कमान भी संभालते हैं। 2014 लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए काम करने के अलावा उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार, पंजाब में कांग्रेस, आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए काम किया और सफल रहे।
दिल्ली चुनावों के लिए उनकी कंपनी आम आदमी पार्टी के साथ काम कर रही है, जो भाजपा-जदयू के खिलाफ चुनाव लड़ रही है।
तकरार
पहले भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे प्रशांत किशोर
जनता दल यूनाइटेड ने संसद में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था। वहीं प्रशांत किशोर इसके खिलाफ बोल रहे थे। किशोर ने पिछले महीने इसे लेकर इस्तीफे की भी पेशकश की थी, लेकिन तब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था।
प्रशांत किशोर का कहना था कि जदयू का इस कानून को समर्थन देना पार्टी के संविधान के खिलाफ है, जहां पहले पन्ने पर तीन बार धर्मनिरपेक्षता शब्द लिखा हुआ है।पह
पवन वर्मा
पवन वर्मा ने चिट्ठी लिखकर उठाए थे सवाल
वहीं पार्टी से बाहर किए दूसरे नेता पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर गठबंधन को लेकर विचारधारा स्पष्ट करने और नागरिकता कानून पर राय देने की मांग दी थी। उन्होंने लिखा था कि 2012 में मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नीतियों और नरेंद्र मोदी को देश के लिए उपयुक्त नहीं बताया था।
पवन वर्मा दिल्ली चुनावों में भाजपा और जदयू के गठबंधन से खुश नहीं थे।
ट्विटर पोस्ट
जदयू की तरफ से जारी किया दोनों नेताओं के निष्कासन का आदेश
Just in: JD(U) expels it's Vice President Prashant Kishor, leader Pavan Varma from the party for indulging in 'anti party activities'.
— Democracy Times Network (@TimesDemocracy) January 29, 2020
The two had been constantly questioning Nitish Kumar and JD(U)'s stand on the CAA-NRC.#CAA_NPR_वापस_लो #PrashantKishor pic.twitter.com/VLd9BJC1sk