पश्चिम बंगाल में भाजपा का जबरदस्त उभार, जानें ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया
क्या है खबर?
इस बार लोकसभा चुनाव परिणाम में जिस एक राज्य के नतीजे 2014 चुनाव के मुकाबले सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रहे, वह है पश्चिम बंगाल।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी का जबरदस्त उभार हुआ है और वह 42 में से 18 सीटों पर आगे चल रही है।
यह आंकड़ा इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले चुनाव में वह बंगाल में महज 2 सीट जीती थी।
भाजपा के इस शानदार प्रदर्शन पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बधाई दी है।
जीत की बधाई
बिना नाम लिए भाजपा को बधाई
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए सभी जीतने वालों को बधाई दी।
उन्होंने लिखा, "विजेताओं का शुभकामनाएं। लेकिन सभी हारने वाले पराजित नहीं हुए हैं। हमें पूर्ण समीक्षा करने की जरूरत है। पहले मतगणना पूरी होने और VVPAT से मिलान होने का इंतजार करते हैं।"
गौर करने वाली बात है कि ममता ने विजेताओं को तो बधाई दी, लेकिन उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा का नाम नहीं लिया।
ट्विटर पोस्ट
ममता ने कहा- हारने वाले पराजित नहीं हुए
Congratulations to the winners. But all losers are not losers. We have to do a complete review and then we will share our views with you all. Let the counting process be completed fully and the VVPATs matched
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 23, 2019
चुनाव प्रचार
दोनों पार्टियों में हुआ था जबरदस्त टकराव
इसका एक कारण दोनों पार्टियों और ममता-मोदी के बीच चुनाव प्रचार में हुआ तीखा टकराव है।
राज्य में उभार की संभावनाओं को देखते हुए मोदी ने ममता पर जमकर निशाना साधा और उन्हें 'स्पीडब्रेकर दीदी' का नाम दिया।
वहीं, ममता ने मोदी को 'दंगाबाज' और 'एक्सपायरी बाबू' का नाम देते हुए पलटवार किया।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को रैली करने की इजाजत न करने को लेकर उन पर सवाल भी उठे।
डाटा
चुनाव के दौरान हुई राज्य में हिंसा
चुनाव के दौरान राज्य में हिंसा की कुछ वारदातें भी देखने को मिली, जो अंतिम चरण आते-आते बेहद बढ़ गईं। हिंसा में ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ दिया गया, जिसके बाद चुनाव प्रचार को 19 घंटे पहले बंद कर दिया गया।
चुनाव परिणाम
क्या है पश्चिम बंगाल के रुझान?
अभी तक आए रूझानों में बंगाल की 42 सीटों में से 22 पर तृणमूल कांग्रेस आगे चल रही है, वहीं भाजपा 19 सीटों पर आगे चल रही है।
कांग्रेस एक सीट पर आगे चल रही है। वामपंथी दल अपना खाता खोलने में नाकाम रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, चुनावों में वामपंथी दलों का पूरा वोटबैंक भाजपा की ओर खिसक गया और उसी का असर हमें परिणाम पर देखने को मिल रहा है।