CBI ने लालू यादव के खिलाफ दर्ज किया नया मामला, 17 ठिकानों पर छापेमारी
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया है। इस सिलसिले में एजेंसी ने दिल्ली, पटना और गोपालगंज में लालू यादव और उनके परिवार के करीब 17 ठिकानों पर छापेमारी भी की है।
ताजा मामले में लालू पर आरोप लगाए गए हैं कि UPA सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने घूस में जमीन और प्लॉट लेकर लोगों को नौकरियां दी थीं।
जानकारी
राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची CBI की टीम
केंद्रीय जांच एजेंसी की आठ सदस्यीय टीम आज सुबह राबड़ी देवी के पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर पहुंची थी। इसे देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे और किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
प्रतिक्रिया
राजद नेताओं की आई यह प्रतिक्रिया
लालू और उनके परिवार के ठिकानों पर छापेमारी के बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं की प्रतिक्रिया आई है। राजद नेता आलोक मेहता ने CBI की इस कार्रवाई पर कहा कि यह एक मजबूत आवाज को दबाने का प्रयास है। CBI की कार्रवाई एकतरफा है।
वहीं लालू के भाई प्रभुनाथ यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बीमार आदमी को ऐसे जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। यह सबको पता है कि इसके पीछे किसका हाथ है।
प्रतिक्रिया
नीतीश और लालू की बढ़ती करीबी से भाजपा की सिरदर्दी बढ़ी- राजद विधायक
छापेमारी की सूचना मिलने पर राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे राजद विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि लालू और बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बढ़ती नजदीकियों से भाजपा की सिरदर्दी बढ़ गई है और इसलिए केंद्र ने अपना तोता CBI को राबड़ी देवी के आवास पर भेज दिया है।
उन्होंने कहा कि इस समय तेजस्वी यादव बाहर हैं और लालू का दिल्ली में इलाज चल रहा है। ऐसे समय में यह छापेमारी ठीक नहीं है।
जानकारी
भ्रष्टाचार के एक और मामले में लालू के खिलाफ दायर हो चुकी है चार्जशीट
लालू यादव और उनका परिवार कथित भ्रष्टाचार के एक और मामले में भी मुकदमे का सामना कर रहा है।
इस मामले में लालू पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने पटना की जमीन के लिए एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया था।
इसे IRCTC घोटाले के नाम से जाना जाता है और इस मामले में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है।
आरोप
IRCTC घोटाले में क्या थे CBI के आरोप?
केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने IRCTC के दो होटलों के रखरखाव और संचालन का ठेका देने में एक निजी कंपनी की तरफदारी थी। इसके बदले में यादव परिवार को पटना की एक प्रमुख जगह पर उस कंपनी के मालिक से बेहद कम दामों में जमीन मिली थी।
CBI ने जुलाई, 2017 में इस मामले में कुल आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।