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एक पैर से पैदल स्कूल चलकर जाती थी सीमा, लोगों ने बढ़ाए मदद के लिए हाथ
एक पैर से पैदल स्कूल चलकर जाती थी सीमा, लोगों ने बढ़ाए मदद के लिए हाथ

एक पैर से पैदल स्कूल चलकर जाती थी सीमा, लोगों ने बढ़ाए मदद के लिए हाथ

लेखन तौसीफ
May 26, 2022
05:10 pm

क्या है खबर?

इंसान अगर ठान ले तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। बिहार में रहने वाली दिव्यांग बच्ची सीमा के हौसले की चर्चा हर जगह हो रही है। सीमा प्रतिदिन एक पैर से 500 मीटर की दूरी तय कर स्कूल जाती थी, लेकिन अब उसे इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि उसकी मदद करने के लिए कई लोगों ने हाथ बढ़ाया है। बुधवार को ही जमुई के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने सीमा को ट्राईसाइकिल भेंट की।

ट्विटर पोस्ट

सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर लोगों ने किया था सीमा की मदद के लिए आग्रह

शिक्षक

शिक्षक बनना चाहती है सीमा

अपने हौसले के कारण लोगों में चर्चा का विषय बन चुकी 10 वर्ष की सीमा जमुई जिले के खैरा प्रखंड के फतेहपुर गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ती है। एक हादसे मे पैर गंवाने के बाद सीमा अपने बचे हुए एक पैर से ही हर दिन 500 मीटर की दूरी तय कर स्कूल जाती थी। सीमा पढ़ाई पूरी कर शिक्षक बनना चाहती है ताकि आगे चलकर अन्य बच्चों को शिक्षित कर सके।

दिव्यांग

सड़क दुर्घटना ने सीमा को बनाया दिव्यांग

महादलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाली सीमा के पिता खीरन मांझी दूसरे राज्य में मजदूरी करते हैं तो वहीं उनकी मां बेबी देवी ईंट भट्टे पर काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बता दें कि दो साल पहले सड़क पर ट्रैक्टर से दुर्घटना होने के कारण सीमा के एक पैर में काफी गंभीर चोटें आई थीं जिसके बाद अस्पताल में डॉक्टर को उसका पैर काट कर अलग करना पड़ा था।

एडमिशन

सीमा की जिद के बाद उनके माता-पिता ने स्कूल में कराया एडमिशन

सीमा की मां ने दैनिक जागरण से कहा, "हम लोग काफी गरीब हैं। गांव के बच्चों को स्कूल जाता देख सीमा भी जिद करती थी, जिस कारण स्कूल में नाम लिखवाना पड़ा। हम लोगों के पास इतने पैसे भी नहीं होते कि बच्ची को किताब-कॉपी खरीद कर दे सकें, ये सब स्कूल के शिक्षक ही मुहैया करवाते हैं।" मां कहती हैं कि उन्हें उनकी बेटी पर गर्व है और उन्हें विश्वास है कि सीमा पढ़-लिखकर उनका नाम रोशन करेगी।

आर्टिफिशियल पैर

सीमा को जल्द उपलब्ध कराया जाएगा आर्टिफिशियल पैर

अवनीश कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वह सीमा के हौसले को सलाम करते हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल उसे एक ट्राईसाइकिल दी गई है और जल्द ही उसे आर्टिफिशियल पैर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने सीमा के परिवार को सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ दिलाने का भी भरोसा दिलाया और कहा कि गांव में जितने भी गरीब परिवार हैं, उन्हें आवास योजना के तहत मदद मिलेगी।

मदद

अभिनेता सोनू सूद ने बढ़ाए मदद के लिए हाथ

बता दें कि एक पैर खो चुकी सीमा का उछल-उछल कर स्‍कूल जाते हुए एक वीड‍ियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सीमा के हौसले और उसके पढ़ने की ललक को सोशल मीडिया पर देखकर फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने भी मदद करने की इच्छा जताई है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'अब यह अपने एक नहीं दोनों पैरों पर कूद कर स्कूल जाएगी। टिकट भेज रहा हूं, चलिए दोनों पैरों पर चलने का समय आ गया।'