
बिहार: महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे और सीटों के बंटवारे समेत किन मुद्दों पर फंसा पेंच?
क्या है खबर?
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।
विपक्षी महागठबंधन ने चुनावों को लेकर 17 अप्रैल को पटना में अपनी पहली बैठक की। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक समन्वय समिति बनाने का फैसला लिया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री चेहरे और सीट बंटवारे पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
आइए जानते हैं कि महागठबंधन में किन मुद्दों पर पेंच फंसा हुआ है।
महागठबंधन
सबसे पहले जानिए महागठबंधन में कौन-कौन शामिल है?
फिलहाल महागठबंधन में RJD, कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RJLP) शामिल है।
पशुपति पारस ने हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) छोड़ने का ऐलान किया था। अब वे महागठबंधन में शामिल हो गए हैं। पटना बैठक में इसका ऐलान किया गया।
वहीं, मुकेश सहनी 2020 के चुनावों से पहले NDA में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर क्या है विवाद?
मुख्यमंत्री पद को लेकर RJD और कांग्रेस में रस्साकशी है। बिहार में RJD बड़े भाई की भूमिका में है और वो तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाना चाह रही है, लेकिन कथित तौर पर कांग्रेस इसके लिए राजी नहीं है।
कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री पद पर बाद में फैसला लिया जाएगा।
ये बात जरूर है कि महागठबंधन तेजस्वी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगा, लेकिन मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान बाद में किया जाएगा।
कांग्रेस
तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करना क्यों नहीं चाहती कांग्रेस?
कांग्रेस बिहार चुनाव लोकसभा चुनाव की तरह लड़ना चाहती है। जिस तरह लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन ने प्रधानमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया था, उसी तरह बिहार में भी कांग्रेस की यही रणनीति है।
कांग्रेस का मानना है कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने से दूसरे समुदाय का वोट छिटक सकता है।
कांग्रेस का कहना है कि सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी चेहरा तय करेगी, जिस तरह लोकसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष के लिए किया गया था।
सीट
सीट बंटवारे को लेकर कहां फंसा है पेंच?
कांग्रेस चाहती है कि उसे पिछली बार की तरह 70 सीटें मिले। हालांकि, RJD का कहना कि कांग्रेस ने केवल 19 सीटें जीती थीं, इसलिए उसे इस बार कम सीटें दी जाएंगी।
RJD अपने लिए पिछली बार की तरह 144 सीटें मांग रही है। वहीं, VIP ने 60 और CPI(ML) ने 30 सीटों की मांग रखी है।
माना जा रहा है कि 24 अप्रैल को होने वाली दूसरी बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा हो सकती है।
मुद्दे
क्या होंगे चुनावी मुद्दे?
बैठक के बाद तेजस्वी ने कहा, "बैठक के एजेंडे में बिहार की चिंता रही। नौजवानों, महिलाओं, गरीबों के हित से जुड़े मुद्दों पर बात हुई। पलायन, बेरोजगारी, आरक्षण, भ्रष्टाचार, अपराध आदि हमारे मुद्दे हैं। इन पर महागठबंधन एकमत है और जनता के बीच एकसुर में अपनी बात रखेगा। 2012 के बाद बिहार को स्थिर सरकार नहीं मिली है।"
उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है, क्या यही डबल इंजन सरकार है?