लगातार तीसरी बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी, सादे समारोह में ली शपथ
विधानसभा चुनावों में मिले बहुमत के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी आज लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजभवन में हुए सादे समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। फिलहाल ममता देश की इकलौती महिला मुख्यमंत्री हैं। शपथ समारोह के बाद ममता ने राज्य में कोरोना के कारण बनी स्थिति पर चर्चा के लिए अहम बैठक बुलाई है। ममता के मंत्रीमंडल के बाकी सदस्य 9 मई को शपथ लेंगे।
कोरोना से निपटना प्राथमिकता- ममता
ममता बनर्जी ने बंगाली में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद ममता ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से निपटना उनकी प्राथमिकता रहेगी। दूसरी तरफ चुनावों में दूसरे नंबर पर रहने वाली भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक हिंसा के विरोध में पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में धरना दे रही है। पार्टी ने पश्चिम बंगाल चुनावों के बाद हिंसा के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया है।
शपथ लेती हुईं ममता बनर्जी
समारोह के लिए चुनिंदा लोगों को किया गया था आमंत्रित
कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए ममता ने सादे समारोह में शपथ ली। अधिकारियों ने बताया कि इस समारोह के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान, माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली को आमंत्रित किया गया था। महामारी के चलते किसी अन्य राज्य के मुख्यमंत्री और दूसरी पार्टियों के नेताओं को समारोह में नहीं बुलाया गया था।
राज्यपाल बोले- हिंसा पर रोक लगाने की तुरंत कदम उठाए मुख्यमंत्री
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, "समाज के बड़े तबके को प्रभावित करने वाली हिंसा पर रोक लगाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।" उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे आने के बाद अगर प्रतिशोध के लिए हिंसा हो तो वो लोकतंत्र के खिलाफ है। ममता ने भी सभी राजनीतिक दलों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है।
छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं ममता बनर्जी
कोलकाता में पैदा हुईं ममता बनर्जी कम उम्र में ही राजनीति में आ गई थी। न्यूज18 के अनुसार, ग्रेजुएशन के दौरान ममता ने कांग्रेस (आई) पार्टी की छात्रा शाखा की स्थापना की, जिसने छात्र चुनावों में भारतीय समाजवादी एकता केंद्र (कम्युनिस्ट) से संबद्ध अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन को हरा दिया था। इस्लामिक इतिहास में मास्टर्स करने वाली ममता ने कानून में भी डिग्री की हुई है। उन्हें डी लिट की उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है।
क्या रहे थे चुनाव परिणाम?
पश्चिम बंगाल की 294 सीटों वाली विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर कब्जा जमाया है। यह 2016 में पार्टी द्वारा जीती गई 210 सीटों से तीन अधिक है। इसी तरह चुनाव में अपना पूरा दमखम लगाने वाली भाजपा ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया है। हालांकि, चुनाव से पहले भाजपा नेताओं ने चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया था। बाकी सीटें अन्य के खाते में गई थी।
नंदीग्राम से चुनाव हार गई हैं ममता
पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी हॉट सीट नंदीग्राम पर ममता बनर्जी और भाजपा के सुवेंदु अधिकारी के बीच मुकाबला था। इसमें अधिकारी ने बनर्जी को 1,956 वोटों से हरा दिया। अधिकारी को 1,10,764 और ममता को1,08,808 वोट मिले। नियमों के अनुसार, अब ममता बनर्जी को अगले छह महीनों में किसी सीट से जीत हासिल कर विधानसभा का सदस्य बनना होगा। अगर वो ऐसा नहीं कर पाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।