साइक्लोन यास: पश्चिम बंगाल में तेज हवा से 40 घरों को नुकसान, दो लोगों की मौत
बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवता यास मंगलवार रात भीषण चक्रवात में बदल गया और भारतीय मौसम विभाग ने आज इसके अति भीषण चक्रवात में बदलने का अनुमान लगाया गया है। चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज रफ्तार हवाओं के चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने चक्रवात के बुधवार को सुबह पूरी तीव्रता के साथ उत्तरी ओडिशा के बालासोर तट से टकराने की संभावना है।
इन इलाकों में है भारी बारिश की संभावना
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश के पुरी, जगतसिंह पुर, खुर्दा, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक और बालासोर जिलों के तटीय इलाकों में भारी बारिश (64-124 मिलीमीटर) हो सकती है। वहीं पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना और मदनीपुर जिलों में बहुत भारी बारिश और उत्तरी 24 परगना, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी बारिश हो सकती है। आंध्र-ओडिशा-बंगाल के तटीय इलाकों में 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
हलिशहर में तेज हवा से घरों को नुकसान, दो की मौत
पश्चिम बंगाल में साइक्लोन यास के मद्देनजर मंगलवार शाम को आई तेज हवाओं के कारण उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी और हलिशहर में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। बिजली पोल क्षतिग्रस्त और पेड़ उखड़ गए। इसी तरह पांडुआ कस्बे में करंट लगने से दो लोगों की मौत हो गई। प्रभावित लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया गया है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्य शुरू कराया।
यहां देखें समुद्र में उठती ऊंची लहरें
कोलकाता एयरपोर्ट पर बुधवार शाम तक रद्द रहेंगी उड़ानें
हवाई अड्डा प्रशासन ने यास साइक्लोन की वजह से खराब हुए मौसम के कारण कोलकाता एयरपोर्ट से 26 मई सुबह 08:30 बजे से उड़ने वाली उड़ानों को शाम 07:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसी तरह दक्षिण-पूर्वी रेलवे ने भी बुधवार तक के लिए कई पैसेंजर स्पेशल ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है। झारखंड में भी साइक्लोन के खतरे को देखते हुए पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
10 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
साइक्लोन के खतरे को देखते हुए पश्चिम बंगाल के 14 जिलों में निचले इलाकों से 8,09,830 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसी तरह ओडिशा के तटवर्ती इलाकों से 2.10 लाख से ज्यादा लोगों को आश्रय स्थलों पर पहुंचा गया है। इसी तरह मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की हिदायत दी गई है। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के मेदिनापुर, बालासोर, भद्रक जिलों के निचले इलाकों में तेज बारिश के कारण बाढ़ आने की संभावना जताई है।
कल तट से टकराएगा यास, उठ सकती हैं 2-3 मीटर ऊंची लहरें
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात यास बुधवार दोपहर ओडिशा और बंगाल के पारादीप सागर द्वीपों के बीच बालासोर के पास तट से टकरा सकता है। मौसम विभाग ने इस दौरान समुद्र में 2-4 मीटर ऊंची लहरें उठने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा ओडिशा के कुछ जिलों में 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जो अधिकतम 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक जा सकती हैं।
राहत कार्य के लिए तैनात की गईं लगभग 150 टीमें
चक्रवात से निपटने के लिए तमाम तैयारियां की गई हैं और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की लगभग 150 टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा 50 टीमों को अलग-अलग राज्यों में स्टैंडबाई पर रखे गए हैं। ओडिशा में 52, बंगाल में 45, तमिलनाडु में 10, विशाखापत्तनम में तीन और झारखंड और अंडमान-निकोबार में एक-एक टीम तैनात की गई हैं। इसके अलावा ओडिशा सरकार लगभग एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंच चुकी है।
मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की हिदायत
मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए मछुआरों को समुद्र से दूसरे रहने को कहा है। इसके अलावा अन्य लोगों को भी समुद्र के पास न जाने की हिदायत दी है। चक्रवात से प्रभावित होने वाले इलाकों में हाई अलर्ट भी घोषित किया गया है।
पिछले ही हफ्ते चक्रवात टाउते ने बरपाया था कहर
बता दें कि चक्रवात यास इस साल भारत के तट से टकराने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान है और पिछले ही हफ्ते चक्रवात टाउते ने देश के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में कहर बरपाया था। गुजरात के पोरबंदर के पास तट से टकराने वाले इस चक्रवात से 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इनमें से आधे से अधिक बजरे-P305 नामक एक जहाज में थे जो तूफान के कारण अरब सागर में डूब गया था।