केजरीवाल का बड़ा ऐलान, कहा- 2 दिन बाद दूंगा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। शराब नीति मामले में जमानत मिलने के बाद केजरीवाल पहली बार आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ये बात कही है।
केजरीवाल बोले- अग्निपरीक्षा के लिए तैयार
केजरीवाल ने कहा, "आपको लग रहा होगा कि अभी रिहा होकर आया है और ऐसा क्यों बोल रहा है। इन्होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल चोर है, भ्रष्टाचारी है, भारत माता के साथ धोखा किया है। मैं देश के लिए कुछ करने आया था, जब 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। मैं इसलिए राजनीति में नहीं आया था। आज मैं अग्निपरीक्षा के लिए तैयार हूं।"
सुनिए, इस्तीफे को लेकर क्या बोले केजरीवाल
केजरीवाल ने की मांग- नवंबर में ही करवाए जाएं चुनाव
केजरीवाल ने कहा, "अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे वोट देना। आप जब जिता दोगे तभी मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा। केंद्र सरकार ने कानून पर कानून डालकर मेरी ताकत छीन ली है। मैंने अपनी जिंदगी में ईमानदारी कमाई है। फरवरी में चुनाव हैं। मैं मांग करता हूं कि चुनाव महाराष्ट्र के साथ नवंबर में ही कराए जाएं। आपका फैसला आने तक मैं जिम्मेदारी नहीं संभालूंगा।"
अगले मुख्यमंत्री को लेकर क्या बोले केजरीवाल?
केजरीवाल ने कहा, "AAP से ही कोई मुख्यमंत्री बनेगा। विधायक दल की बैठक होगी। मनीष सिसोदिया पर भी वही आरोप हैं, जो मुझ पर हैं। उनका भी यही सोचना है कि वे भी पद पर नहीं रहेंगे, चुनाव जीतने के बाद ही पद संभालेंगे। मैं और मनीष सिसोदिया जनता की अदालत में जा रहे हैं। अगर हम ईमानदार हैं तो वोट देना वरना मत देना।" इसका मतलब है कि केजरीवाल के बाद सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं।
अब तक इस्तीफा न देने पर क्या बोले केजरीवाल?
केजरीवाल ने कहा, "इनका मकसद AAP और केजरीवाल के हौसले को तोड़ना है। इनका फॉर्मूला है, विधायक तोड़ दो, जेल में डाल दो, ED भेज दो, पार्टी तोड़ दो, सरकारें गिरा दो अपनी सरकार बना लो। मैंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया, क्योंकि मैं जनतंत्र को बचाना चाहता था। अगर मैं इस्तीफा देता तो ये एक-एक करके सबको जेल में डालते, क्योंकि इन्होंने सिद्धारमैया, ममता दीदी, पिनाराई विजयन सबके खिलाफ मामले दर्ज कर रखे हैं।"