राजस्थान: अशोक गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, कल होगी अहम बैठक
राजस्थान के मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की संभावनों के बीच शनिवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों ने अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर शाम को हुई बैठक के बाद सभी मंत्रियों ने अपने इस्तीफे पार्टी आलाकमान को सौंप दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन भी मौजूद थे। इसके अलावा रविवार दोपहर 2 बजे पार्टी कार्यालय में अहब बैठक भी बुलाई गई है।
परिवहन मंत्री खाचरियावास ने इस्तीफों की जानकारी
राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। कांग्रेस विधायकों को रविवार दोपहर 2 बजे पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बुलाया गया है। उसके बाद का कार्यक्रम मुख्यमंत्री गहलोत और पार्टी के प्रदेश प्रभारी माकन तय करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को संबोधित करके इस्तीफे दिए जाते हैं उसके बाद मंत्रिमंडल पुनर्गठन की प्रक्रिया होती है।
एक से अधिक पद रखने वाले तीन मंत्रियों ने शुक्रवार रात को दिया था इस्तीफा
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार रात को एक से अधिक पद रखने वाले तीन मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंपे थे। इन मंत्रियों में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा शामिल है। तीनों ने सोनिया गांधी को पत्र भेजकर इस्तीफा देने की पेशकश की थी। इसके बाद शनिवार सुबह तीनों मंत्रियों के इस्तीफों को स्वीकार कर लिया था। उसके बाद शाम को सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए।
राजस्थान सरकार में बनाए जा सकते हैं 30 मंत्री
राजस्थान में मंत्रियों के इस्तीफे से पहले मुख्यमंत्री सहित कुल 21 मंत्री थे। वहीं विधानसभा में विधायकों की संख्या 200 है। ऐसे में नियमों के हिसाब से राज्य में कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि 9 नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। सभी मंत्रियों के इस्तीफों को देखकर कहा जा सकता है कि राज्य में जल्द नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।
नए मंत्रिमंडल में इन्हें मिल सकती है जगह
न्यूज 18 के अनुसार, मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट के बीच मंत्री पद के बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है। मंत्रिमंडल में दो सीट खाली रहेंगी और करीब 15 संसदीय सचिव बनाए जा सकते हैं। नए मंत्रिमंडल में पायलट गुट से दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, बृजेंद्र ओला, मुरारी लाल मीणा और रमेश मीणा तथा गहलोत गुट से जाहिदा, रामलाल जाट, महेंद्रजीत मालवीय, शंकुतला रावत, गोविंद मेघवाल, खिलाड़ी लाल बैरवा और महेश चौधरी को जगह दी जा सकती है।
लंबे समय से हो रही मंत्रिमंडल विस्तार की मांग
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार की मांग कर रहे हैं। वो इस सिलसिले में कई बार दिल्ली आकर पार्टी हाईकमान से मुलाकात भी कर चुके हैं। पायलट ने मंत्रिमंडल में अपने समर्थकों को शामिल करने के साथ-साथ राजनीतिक नियुक्तियों की भी मांग की है। माना जा रहा है कि पार्टी मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद राजनीतिक नियुक्तियां कर सकती हैं, जिसमें पायलट गुट के कई नेताओं को पद मिल सकते हैं।
गहलोत और पायलट ने की थी सोनिया गांधी से मुलाकात
हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। गहलोत केवल मंत्रिमंडल में विस्तार चाहते थे और सचिन पायलट मंत्रिमंडल में बदलाव और दो पद वाले मंत्रियों को बाहर करवाना चाहते थे।