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राजस्थान: अशोक गहलोत ने दी राष्ट्रपति भवन जाने की चेतवनी, कहा- जरूरत पड़ी तो धरना देंगे

राजस्थान: अशोक गहलोत ने दी राष्ट्रपति भवन जाने की चेतवनी, कहा- जरूरत पड़ी तो धरना देंगे

Jul 25, 2020
07:32 pm

क्या है खबर?

राजस्थान की राजनीति में मचे सियासी घमासान में हर दिन के साथ उबाल आता जा रहा है। राज्यापाल कलराज मिश्र की ओर से विधानसभा सत्र नहीं बुलाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि वह मामले में राष्ट्रपति भवन जाएंगे और आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के बाद भी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बयान

सफल नहीं होने देंगे भाजपा की साजिश- गहलोत

HT के अनुसार शनिवार दोपहर आयोजित हुए कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि वह राजस्थान में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को गिराने की भाजपा की साजिश को सफल नहीं होने देंगे। यदि आवश्यकता पड़ी तो वह राष्ट्रपति भवन जाएंगे और यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने विधायकों से कहा कि वह विधानसभा सत्र बुलाने के लिए फिर से राज्यपाल से मुलाकात करने जाएंगे।

जानकारी

विधायक दल की बैठक में पारित किया विधानसभा सत्र प्रस्ताव

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए बहुमत के साथ विधानसभा सत्र प्रस्ताव पारित किया। अब मुख्यमंत्री गहलोत राज्यपाल से मुलाकात कर इसे सौंपेंगे। इससे पहले बैठक में विधायकों ने मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा की।

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आरोप

विधानसभा सत्र नहीं बुलाने को लेकर मुख्यमंत्री ने दिया बड़ा बयान

बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत और समर्थित विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा सत्र नहीं बुलाने को लेकर राज्यपाल के निवास पर करीब पांच घंटे धरना दिया था। उस दौरान विधायकों ने "इंकलाब जिंदाबाद" और "अशोक गहलोत जिंदाबाद" के नारे लगाए थे। पांच घंटे तक विधायक राज्यपाल के लॉन में बैठे रहे। इसको लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि राज्यपाल ऊपर से कुछ दबाव होने के कारण विधानसभा सत्र नहीं बुला रहे हैं।

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बयान

संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हम करेंगे- सुरजेवाला

राजस्थान में जारी सियासी घमासान को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'राजस्थान में जनता की निर्वाचित सरकार धरने पर बैठी है, भाजपा जनमत की हत्या में मगन है, प्रजातंत्र बेड़ियों में है, और देश खतरे में है! संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हम करेंगे। संघर्ष की इस आंधी के बाद नया दृष्य आएगा, मूल्यों और नीति का झंडा फिर से लहराएगा।'

प्रतिक्रिया

कल का दिन दुर्भाग्यपूण था- राजस्था भाजपा अध्यक्ष

भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया और नेता विपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल मिश्र से मुलाकात की और प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की। मुलाकात के बाद भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "कल मुख्यमंत्री का बयान कि जनता राजभवन को घेरेगी, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। राजस्थान में सदन बुलाने की प्रक्रिया है, ये महामहिम का अधिकार है। महामहिम ने पूंछा कि मेरी सुरक्षा कौन करेगा?"

बयान

मुख्यंत्री गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए- गुलाबचंद कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, "मुख्यमंत्री राज्य के प्रमुख हैं और उन्होंने कहा वह कानून और व्यवस्था की स्थिति के उल्लंघन के लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगे। अगर वह जिम्मेदार नहीं होंगे तो कौन होगा? इस भाषा के लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।"

राहत

हाईकोर्ट ने सचिन पायलट खेमे को दी राहत

इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट खेमे के 19 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के मामले में बड़ी राहत दी है। होईकोर्ट ने शुक्रवार को मामले में यथास्थिति रखने का आदेश दिया है तथा विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को मामले में कोई फैसला नहीं लेने का आदेश दिया है। पायलट गुट ने इसमें केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया है और केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। इससे पायलट गुट को बड़ी राहत मिली है।

पृष्ठभूमि

सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटाया

बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद के बीच गत 14 जुलाई को कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया था। पार्टी ने उनकी जगह गोविंद सिंह डोटासरा अध्यक्ष बनाया था। इसके अलावा पार्टी ने पायलट का साथ देने वाले विशवेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से हटा दिया गया है। जिसके बाद भी सियासी घमासान मचा हुआ है।

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