राहुल गांधी से मिले सचिन पायलट, मंत्रिमंडल में फेरबदल समेत कई मुद्दों पर हुई बात
बीते सप्ताह राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। यह बैठक ऐसे समय हुई, जब कांग्रेस पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी में लगी हुई थी। राजस्थान में लंबे समय से मंत्रिमंडल में फेरबदल का इंतजार किया जा रहा है और बताया गया कि सचिन पायलट और राहुल के बीच इसी मुद्दे पर बातचीत हुई थी। इसके अलावा दोनों ने राज्य की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की थी।
इन मुद्दों पर हुईं चर्चा
17 सितंबर को राहुल और पायलट के बीच दो घंटे तक चली बैठक में संगठन और गहलोत मंत्रिमंडल में बदलाव और सचिन पायलट की खुद की भूमिका को लेकर बातचीत हुई थी। चर्चाएं हैं कि पायलट को दोबारा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बागडोर सौंपी जा सकती है। कयास हैं कि कांग्रेस राजस्थान का पूरा मंत्रिमंडल बदलकर नए चेहरों को लाना चाहती है और इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूरी तरह स्वस्थ होने का इंतजार किया जा रहा है।
क्या है पायलट की मांग?
सचिन पायलट लंबे समय से मंत्रिमंडल में अपने विश्वस्त विधायकों को शामिल करने, बोर्ड और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियों पर अपने लोगों को बैठाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में फेरबदल न होने के कारण उनका इंतजार लंबा होता जा रहा है। दूसरी तरफ राज्य प्रभारी और पार्टी महासचिव अजय माकन ने कई बार मंत्रिमडल विस्तार के सिलसिले में राजस्थान का दौरा कर चुके हैं और उन्होंने अलग-अलग मौकों पर विधायकों से भी उनकी राय जानी है।
जल्द मंत्रिमंडल फेरबदल का भरोसा दिया गया
माकन की कई यात्राओं के बावजूद अभी तक मंत्रिमंडल की तारीख निर्धारित नहीं हुई है। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पायलट जल्द मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार का भरोसा दिया गया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद सेे हटाने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। कयास हैं कि राजस्थान में अगले महीने बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ के हालात पंजाब से अलग- कांग्रेस नेता
छत्तीसगढ़ और राजस्थान, दोनों ही राज्यों में अंदरखाने मुख्यमंत्रियों को बदलने की बात चल रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राजस्थान और छत्तीगढ़ में हालात पंजाब से बहुत अलग हैं और दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन है। दूसरी तरफ राजस्थान में पायलट और छत्तीसगढ़ में टीएस सिंह देव को उम्मीद है कि आलाकमान गहलोत और भूपेश बघेल पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाएगी।