उत्तर प्रदेश: ओमिक्रॉन के खतरे के बावजूद समय पर चुनाव चाहती हैं पार्टियां
क्या है खबर?
ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बावजूद सभी पार्टियां चाहती हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रस्तावित समय पर ही होने चाहिए।
सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि विधानसभा चुनावों के आयोजन में देरी न की जाए।
बता दें, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे समेत आयोग के वरिष्ठ अधिकारी जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश दौरे पर हैं, जहां उन्होंने राजनीतिक दलों के साथ बैठक की।
विधानसभा चुनाव
पार्टियों ने की कोविड प्रोटोकॉल के साथ चुनाव कराने की मांग
मंगलवार शाम को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की थी। इसमें सभी पार्टियों ने कोविड प्रोटोकॉल के साथ तय समय पर चुनाव आयोजित कराने की मांग की है।
बैठक के बाद सपा की राज्य इकाई के प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि आयोग को चुनावी कार्यक्रम का ऐलान कर संशय दूर करना चाहिए।
वहीं भाजपा ने कहा कि चुनाव समय पर होने चाहिए, लेकिन अंतिम फैसला आयोग के हाथ में है।
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भाजपा ने आयोग से की ये मांग
उत्तर प्रदेश भाजपा के उप प्रमुख जेपीएस राठौड़ ने कहा कि उन्होंने आयोग से मतदान केंद्रों पर महिला पुलिसकर्मी तैनात करने और बुर्का पहनने वाली महिलाओं के उचित सत्यापन की मांग की है ताकि कोई मतदाता एक से अधिक मत न डाल सके।
साथ ही उन्होंने आयोग से एक परिवार के सभी मतदाताओं का नाम एक ही मतदान केंद्र की सूची में डालने और भीड़भाड़ वाली जगहों से मतदान केंद्र को खुली जगहों पर शिफ्ट करने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश
कांग्रेस ने की अधिकारी को हटाने की मांग
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी को ट्रांसफर करने की मांग की है।
कांग्रेस की तरफ से आयोग को सौंपे पत्र में कहा कि अवस्थी को चुनाव प्रबंधन का हिस्सा नहीं होना चाहिए और आचार संहिता लागू होने से पहले ही उनका ट्रांसफर होना चाहिए। सरकारी अधिकारी होने के बाद भी वे केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट रिट्वीट करते हैं और प्रधानमंत्री की नीतियों की सराहना करते हैं।
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रालोद और बसपा की ये मांग
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने आयोग से सभी राजनीतिक दलों को 80 साल से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांगों की अलग मतदाता सूची मुहैया कराने की मांग की है। सपा का दावा है कि राज्य में करीब 40 मतदाता 80 साल से अधिक उम्र या दिव्यांग हैं।
वहीं बहुजन समाज पार्टी ने आयोग से आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने की अपील की है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश चुनाव में इन्हीं दलों के बीच मुख्य टक्कर होगी।
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हाई कोर्ट ने की थी चुनाव स्थगित करने की अपील
गौरतलब है कि बीते सप्ताह इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव एक या दो महीने टालने की अपील की थी।
कोर्ट ने आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगर रैलियों को नहीं रोका गया तो स्थिति दूसरी लहर से भी बदतर हो सकती है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में होने प्रस्तावित हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
रैलियों में उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां
मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सभी पार्टियों जोरो-शोरों से इसके प्रचार में लगी हुई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी से लेकर अखिलेश यादव तक, सभी खचाखच भरी रैलियां कर रहे हैं जहां कोविड संबंधी हर नियम की धज्जियां उड़ाई जाती हैं।
बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार के बीच हो रही इन रैलियों की तीखी आलोचना भी हो रही हैं, लेकिन पार्टियों और उनके समर्थकों को इनसे खासा प्रभाव नहीं पड़ रहा।
जानकारी
भारत में ओमिक्रॉन के मामले 700 पार
भारत में कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक वेरिएंट ओमिक्रॉन के 781 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 238 दिल्ली और 167 महाराष्ट्र में दर्ज हुए हैं। उत्तर प्रदेश में दो लोगों में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है।