उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा, मायावती ने किया ऐलान
क्या है खबर?
चुनाव पूर्व गठबंधन के कयासों पर विराम लगाते हुए मायावती ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बसपा किसी से गठबंधन नहीं करेगी।
बता दें कि पंजाब में मायावती की पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल के साथ हाथ मिलाया है।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
ट्वीट पोस्ट
मायावती ने ट्वीट कर दी सफाई
मायावती ने रविवार सुबह ट्वीट कर चुनाव से पूर्व गठबंधन को लेकर चल रहे कयासों का खंडन किया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मीडिया के एक न्यूज चैनल में कल से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि यूपी में आगामी विधानसभा आमचुनाव औवेसी की पार्टी AIMIM व बीएसपी मिलकर लड़ेगी। यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है। इसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है तथा बीएसपी इसका जोरदार खण्डन करती है।'
बयान
पंजाब को छोड़कर कहीं नहीं होगा गठबंधन- मायावती
अगले ट्वीट में मायावती ने लिखा कि पार्टी द्वारा फिर से यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर बसपा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव किसी भी पार्टी के साथ कोई भी गठबंधन करके नहीं लड़ेगी।
मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में बसपा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था और उसे भाजपा और सपा के बाद तीसरा स्थान मिला।
गठबंधन
पंजाब में अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी बसपा
पंजाब चुनाव के लिए बसपा और अकाली दल का गठबंधन हुआ है।
दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर भी फैसला हो गया है। अकाली दल जहां 97 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं बसपा के खाते में 20 सीटें आई हैं।
इससे पहले दोनों पार्टियों ने 1996 में साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था और 13 में से 11 सीटें अपने नाम की थीं। उस समय अकाली दल को आठ और बसपा को तीन सीटें मिली थीं।
सियासी दायरा
उत्तर प्रदेश में लगातार सिमटती जा रही है बसपा
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बसपा लगातार सिमटती जा रही है और उसके आधे से अधिक विधायक बागी हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं जिनमें से एक सीट को वह बाद में उपचुनाव में हार गई।
इसके कुछ समय बाद मायावती ने रामवीर उपाध्याय और अनिल सिंह को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर निकाल दिया।
वहीं सात विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान बगावत करने पर बाहर निकाल दिया गया।
बसपा
इसी महीने बसपा से निकाले गए दो वरिष्ठ नेता
इसी महीने मायावती ने पार्टी के दो जाने-माने नेताओं राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बसपा से बाहर किया है।
लालजी वर्मा 1991 से पार्टी से जुड़े हुए थे और उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा विधायक दल के नेता थे। वहीं राजभर उत्तर प्रदेश बसपा की कमान संभाल चुके हैं और बसपा की सभी सरकारों में मंत्री रहे थे।
इन दोनों ने हालिया पंचायत चुनाव में बसपा को बहुत नुकसान पहुंचाया था।