चित्रकूट गैंगरेप मामला: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति सहित तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में महिला से गैंगरेप और उसकी नाबालिग बेटी रेप के प्रयास के मामले में लखनऊ की एक स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके दो सहयोगियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने आरोपियों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि मामले में कोर्ट ने 10 नवंबर को तीनों को दोषी करार देते हुए सजा के लिए शुक्रवार का दिन तय किया था।
प्रकरण
महिला को नौकरी दिलाने के नाम पर किया था गैंगरेप
इंडिया टुडे के अनुसार, मामले में पीड़ित महिला ने 18 फरवरी, 2017 को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
इसमें आरोप लगाया गया था कि समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला ने उसे नौकरी दिलाने और घर पर काम करने के बहाने लखनऊ बुलाकर गैंगरेप किया था।
इसके अलावा आरोपियों ने उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी से भी दुष्कर्म करने का प्रयास किया था।
FIR
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हुई थी गिरफ्तारी
शिकायत के बाद आरोपियों की ओर से पीड़िता को धमकियां मिलना शुरू हो गई थी। इसको लेकर उसने पुलिस महानिदेशक से भी शिकायत की थी, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस पर उसने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने करते हुए सरकार और पुलिस को फटकार लगाते हुए कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसके बाद पुलिस ने मंत्री सहित सात जनों को गिरफ्तार किया था।
दोषी
कोर्ट ने बुधवार को आरोपियों को ठहराया था दोषी
मामले में लंबी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 17 गवाह के बयान दर्ज कराए थे। इनके आधार पर विशेष न्यायाधीश पीके राय ने बुधवार को गायत्री प्रजापति, अशोक और आशीष को महिला से गैंगरेप और उसकी नाबालिग बेटी से गैंगरेप के प्रयास का दोषी ठहराया था।
हालांकि, कोर्ट ने अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, विकास वर्मा, चंद्रपाल एवं रूपेश को सुबूतों के अभाव में मामले से बरी कर दिया था। इसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया था।
सजा
कोर्ट ने तीनों दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
अभियोजन पक्ष की ओर से शुक्रवार को तीनों दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की थी। भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत गैंगरेप में अधिकतम 20 वर्ष और पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
ऐसे में कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा देने के आदेश दे दिए। इसके अलावा तीनों दोषियों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला काफी चर्चा में रहा था।