क्या ओमिक्रॉन के खतरे के बीच सुरक्षित है कपड़े के मास्क? विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
दुनियाभर में कोरोना वायरस के 32 म्यूटेंट वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रसार बढ़ता जा रहा है। अब तक 70 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञ महामारी से बचाव के लिए नियमित रूप से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेसिंग के पालन करने की सलाह दे रहे हैं। इस बीच लोगों में फैशन के लिए कपड़े के रंग-बिरंगे मास्क पहनने का चलन बढ़ा है। ऐसे में यहां जानते हैं कि क्या महामारी के बीच कपड़े के मास्क सुरक्षित हैं।
लोगों में बढ़ा कपड़े के फैशनेबल मास्क खरीदने का चलन
बता दें कि महामारी से बचाव के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों ने दो या तीन लेयर मास्क पहनने की सलाह दी थी। उसके बाद विभिन्न कंपनियों ने इसे फैशन का रूप देने के लिए कई तरह के रंग-बिरंगे कपड़ों के डिजाइनर मास्क बनाकर बेचना शुरू कर दिया। वर्तमान में लोगों में इन मास्क का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लोग मास्क के नाम पर सुरक्षा पर ध्यान देने की जगह फैशन के लिए बनाए गए मास्कों को तरहीज दे रहे हैं।
विशेषज्ञों ने कपड़ों के मास्क को लेकर दी चेतावनी
NDTV के अनुसार, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के प्रोफेसर ट्रिश ग्रीनहल्घ ने कहा, "कपड़े के मास्क बहुत अच्छे या फिर बहुत भयानक हो सकते हैं। उनसे मिलने वाली सुरक्षा इस बात पर निर्भर है कि उन्हें बनाने में कौनसे फैबरिक का इस्तेमाल किया गया है।" उन्होंने कहा, " कई मैटेरियल के मिश्रण से बने डबल या ट्रिपल लेयर मास्क अधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर कपड़े के मास्क सिर्फ फैशन एक्सेसरीज (फैशन की वस्तु) है।"
कपड़े के मास्कों में पूरे नहीं किए जाते आवश्यक मानक- ग्रीनहल्घ
ग्रीनहल्घ ने कहा, "कपड़े का मास्क के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उनके निर्माण में किसी भी तरह के स्वास्थ्य मानक को पूरा करने की जरूरत नहीं होती है। उन्हें सिर्फ लोगों की पसंद और नापसंद के आधार पर तैयार किया जाता है।" उन्होंने कहा, "इसके विपरीत, उदाहरण के लिए मेडिकल क्षेत्र में तैयार किए जाने वाले N95 रेस्पिरेटर मास्क को बनाते समय यह सुनिश्चित करना होता है कि वे 95 प्रतिशत कणों को फिल्टर करेंगे।"
"सस्ते होने के चलते बढ़ी कपड़े के मास्कों की मांग"
ग्रीनहल्घ ने कहा, "कपड़े के मास्क मेडिकल मास्कों की तुलना में थोड़े सस्ते होते हैं और उन्हें धुलाई के बाद फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके चलते लोगों में उनका चलन बढ़ा है, लेकिन इसके कारण लोग सुरक्षा का महत्व भूल रहे हैं।"
सिंगल लेयर मास्क से नहीं मिलती कोई सुरक्षा- जूनी
ओन्टारियो के साइंस एडवाइजरी टेबल के प्रमुख पीटर जूनी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, "यहां मुद्दा यह है कि यदि आपके पास सिंगल लेयर मास्क है तो उसमें कणों को फिल्टर करने की क्षमता बिल्कुल कम है। ऐसे में मास्क लगाने और नहीं लगाने में कोई फर्क नहीं रहता है।" उन्होंने कहा, "यदि लोग तीन लेयर से बना कपड़े का मास्क इस्तेमाल करेंगे तो इससे बचाव की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में तीन लेयर मास्क जरूरी है।"
भारत में ओमिक्रॉन के कितने मामले?
भारत में अभी तक ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के 271 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सबसे अधिक 65 मामले सामने आए हैं, वहीं 64 मामलों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा तमिलनाडु में 34, तेलंगाना में 24, राजस्थान में 21, कर्नाटक में 19, केरल में 15, गुजरात में 14, जम्मू-कश्मीर में तीन, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में दो-दो और चंडीगढ़, लद्दाख, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में एक-एक मामला सामने आया है।