
विपक्ष की बैठक में शामिल होगी AAP, अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के समर्थन के बाद फैसला
क्या है खबर?
आम आदमी पार्टी (AAP) 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरू में आयोजित होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक में हिस्सा लेगी।
AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में इस बैठक में शामिल होंगे।
बतौर रिपोर्ट्स, केजरीवाल के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यसभा सांसद संजय सिंह इस बैठक का हिस्सा लेंगे।
बता दें कि विपक्ष की पिछली बैठक 23 जून को पटना में आयोजित हुई थी।
फैसला
कांग्रेस ने किया है केंद्र के अध्यादेश का विरोध
माना जा रहा है कि AAP ने विपक्ष की बैठक में शामिल होने का फैसला कांग्रेस के अध्यादेश का विरोध करने के निर्णय के बाद लिया है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि उनकी पार्टी देश के संघीय ढांचे पर किसी भी तरह के हमले का विरोध करती है और इसी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का भी विरोध करेगी।
AAP सांसद ने कांग्रेस के फैसले का स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक कदम बताया था।
बयान
कई पार्टियों ने अध्यादेश के खिलाफ आवाज की बुलंद- चड्ढा
राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में लाया गया अध्यादेश देश-विरोधी कानून है। उन्होंने कहा, "जो भी पार्टी काले अध्यादेश के विरोध में खड़ी होगी और इसे संसद में हराने के लिए अपना हरसंभव प्रयास करेगी, वो देश की हितैषी है।"
उन्होंने आगे कहा कि देश की कई पार्टियों ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है और अब कांग्रेस ने भी दिल्ली के अध्यादेश का विरोध किया है।
ऐलान
AAP ने पहले कही थी गठबंधन से हटने की बात
पटना में हुई बैठक के बाद AAP ने विपक्षी एकता को बड़ा झटका देते हुए गठबंधन से हटने की बात था। AAP ने कहा था कि जब तक कांग्रेस दिल्ली पर केंद्रीय अध्यादेश का विरोध नहीं करती, तब तक कोई गठबंधन नहीं होगा।
पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा था, "अध्यादेश जैसे महत्वपूर्ण मामले पर कांग्रेस का संकोच भरा रवैया AAP के लिए उन सभी गठबंधन में शामिल होने की मुश्किलों को बढ़ा देगा, जिनमें कांग्रेस शामिल है।"
बैठक
पटना में हुई थी विपक्ष की पहली बैठक
पटना में हुई पहली बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), समाजवादी पार्टी (SP), जनता दल यूनाइडेट (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), आम आदमी पार्टी (AAP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता शामिल हुए थे।
इसके अलावा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPM), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेताओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया था।
मामला
केजरीवाल को मिला है कई पार्टियों का समर्थन
केजरीवाल ने अध्यादेश को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की काफी कोशिश की थी।
उन्होंने देशभर में कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की थी और अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगा था।
केजरीवाल ने कहा था कि यदि विपक्ष राज्यसभा में अध्यादेश को पारित होने से रोकने में सफल रहा तो यह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा संदेश देगा।