मध्य प्रदेश में गरमाई सियासत, कमलनाथ के समर्थन में कैबिनेट के 20 मंत्रियों ने सौंपा इस्तीफा
मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से गरमाई सियासत ने सोमवार रात को नया मोड़ ले लिया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के छह मंत्री और 12 विधायकों के अचानक फोन बंद कर लेने और बेंगुलुरू जाने की सूचना के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली गए मुख्यमंत्री कमलनाथ आनन-फानन में भोपाल लौट आए और देर रात कैबिनेट की बैठक बुला ली। इस बैठक में मौजूद 20 मंत्रियों ने कमलनाथ का समर्थन करते हुए इस्तीफे सौंप दिए।
इस्तीफा सौंपने के लिए मंत्रियों ने यह बताया कारण
सिंधिया गुट की नाराजगी के बाद सरकार के अस्थिर होने का खतरा था। ऐसे में मंत्रियों ने इस्तीफा सौंपकर कमलनाथ को अपने विवेक से फिर से कैबिनेट का गठन करने की आजादी दी है, ताकि वह रूठे विधायकों को भी मना सकें।
इस्तीफा देने के बाद मंत्रियों ने दिए ये बयान
कैबिनेट बैठक में अपना इस्तीफा सौंपने के बाद वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा, "मंत्रिमंडल की बैठक में हमने मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिये हैं। अब कमलनाथ नये सिरे से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं।" वहीं अन्य मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, "अभी-अभी हमने मंत्रिमंडल बैठक में मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंपे हैं। करीब 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं। सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताई है।"
सरकार को अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा- कमलनाथ
देर रात कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "मैं प्रदेश में माफिया के सहयोग से अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा। प्रदेश की जनता का विश्वास और उनका प्रेम मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत है।" उन्होंने कहा कि अब इस मामले पर दिल्ली से जो भी फैसला होगा वह सभी को मानना होगा। सरकार की स्थिरता के लिए मंत्रियों ने फिर से कैबिनेट का गठन करने के लिए इस्तीफा सौंपा है।
ये मंत्री और विधायक बेंगलुरू पहुंचे
सिंधिया के समर्थक बेंगलुरू जाने वाले मंत्रियों में प्रधुम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चोधरी, गोविन्द सिंह राजपूत, इमरती देवी और महेन्द्र सिसोदिया शामिल हैं। इसी प्रकार उनका समर्थन करने वाले विधायकों में रघुराज कंसना, सुरेश धाकड़, हरदीप डांग, मुन्ना लाल गोयल, गिरिराज दंडोतिया, ओपीएस भदोरिया, विरजेंद्र यादव, जसपाल जजजी, कमलेश जाटव, राजवर्धन सिंह, रक्षा संतराम सरौनिया और जसवंत जाटव आदि शामिल हैं।
कमलनाथ ने सोनिया गांधी से की मुलाकात
सियासी ड्रामे के बीच सीएम कमलनाथ ने सोमवार शाम को दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। उसी दौरान उन्हें छह मंत्री और 12 विधायकों के बेंगलुरू जाने और फोन बंद होने की सूचना मिली तो वह तत्काल भोपाल के लिए रवाना हो गए और कैबिनेट की आपात बैठक बुला दी। सोनिया से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति भोपाल में बनाई जाएगी। राज्यसभा सीट और दावेदारी को लेकर कोई विवाद नही हैं।
राहुल गांधी ने की सोनिया गांधी से मुलाकात
पूरे मामले में सोमवार देर रात राहुल गांधी से सोनिया गांधी से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर चर्चा की। इसी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दिल्ली में ही देखा गया था। उन्होंने भी देर रात राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात की।
पूरे मामले में भाजपा नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
पूरे मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह रिमोट कंट्रोल से ये सरकार चला रहे हैं। कांग्रेस आंतरिक संकट से गुजर रही है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सिंधिया के साथ व्यवहार और दिग्विजय सिंह के हस्तक्षेप के कारण कांग्रेस यह स्थिति देख रही है। भाजपा का इससे कोई लेना देना नहीं है। विश्वास सारंग ने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेस असंतोष की आग में जल रही है।
बिगड़े हालातों के बीच भाजपा ने शुरू की तैयारी
मध्य प्रदेश में बिगड़े हालातों के बीच भाजपा ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार देर रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पहले तो दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। इस बैठक में भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर आदि मौजूद रहे। अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान के बीच करीब दो घंटे तक बैठक चली।
राज्यपाल ने निरस्त की छुट्टी
मध्य प्रदेश के सियासी हालात को देखते हुए राज्यपाल लालजी टंडन ने अपनी छुट्टियां निरस्त कर दी हैं। वह पांच दिन के लिए लखनऊ गए हुए थे, लेकिन बिगड़े हालातों के कारण वह मंगलवार को भोपाल लौटेंगे।
कांग्रेस के लिए बढ़ सकती है परेशानी
इस सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है। दो विधायकों का निधन होने के कारण प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा के 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक का भी समर्थन है। इस तरह कांग्रेस को फिलहाल 121 विधायकों का साथ है। वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है। सिंधिया के पाला बदलने से समीकरण बिगड़ सकते हैं।
विधायक हरदीप सिंह ने सरकार को बताया था भ्रष्ट
आपको बता दें कि गत 3 मार्च को कांग्रेस, बसपा और सपा के नौ विधायकों के गायब होने से मध्य-प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है। 5 मार्च को विधायक हरदीप सिंह डांग ने इस्तीफा देकर कांग्रेस खेमे में खलबली मचा दी थी। भेजे गए इस्तीफे में विधायक ने लिखा था कि पार्टी को दूसरी बार लोगों का जनादेश मिलने के बाद भी पार्टी द्वारा उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है। वह सब एक भ्रष्ट सरकार का हिस्सा हैं।