झारखंड: भाजपा के हाथ से गया एक और राज्य, कांग्रेस के गठबंधन की बनेगी सरकार
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और भाजपा सत्ता से बेदखल होने जा रही है। चुनाव परिणामों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को बहुमत मिला है और राज्य की 81 सीटों में से गठबंधन 47 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा मात्र 25 सीटों पर सिमट कर रह गई है। वहीं झारखंड विकास मोर्चा (JVM) को तीन और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) को दो सीटें मिली हैं।
JMM को सबसे अधिक 30 सीटें
जो 47 सीटें कांग्रेस-JMM-RJD गठबंधन को मिली हैं, उनमें JMM को 30, कांग्रेस 16 और RJD को एक सीट मिली है। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 41 सीट है और कांग्रेस-JMM-RJD गठबंधन का आंकड़ा इससे अधिक है।
हेमंत सोरेन होंगे अगले मुख्यमंत्री
JMM नेता हेमंत सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। गठबंधन ने उन्हें चुनाव पूर्व ही अपना नेता घोषित कर दिया था और इसी वादे को निभाते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। कांग्रेस और RJD दोनों ने हेमंत को मुख्यमंत्री बनाए जाने की पुष्टि की है। हेमंत इससे पहले 2013-14 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। तब भी उन्होंने भाजपा से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस और RJD के समर्थन से सरकार बनाई थी।
खुद अपनी सीट से हारे भाजपा के मुख्यमंत्री रघुबर दास
अगर दिग्गज उम्मीदवारों की बात करें तो खुद मुख्यमंत्री रघुबर दास जमशेदपुर पूर्व सीट से चुनाव हार गए हैं। यहां निर्दली उम्मीदवार सरयू राय ने जीत हासिल की। पिछले 24 साल में ये पहली बार है जब रघुबर दास को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा JVM प्रमुख बाबूलाल मरांडी अपनी सीट धनवड़ी सीट से आगे चल रहे हैं। उनकी पार्टी गठबंधन की सरकार में शामिल हो सकती है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्वीकार किया जनादेश
हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता को कहा धन्यवाद
नतीजों के बाद हेमंत सोरेन ने मीडिया से बात करते हुए झारखंड के लोगों को इस जनादेश के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, "मैं लालू जी, सोनिया जी, राहुल जी, प्रियंका जी और सभी कांग्रेस नेताओं को उनके समर्थन और मुझ पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद कहता हूं। आज से राज्य के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा। मैं सभी का आश्वस्त करना चाहता हूं उनकी जाति, पंथ, धर्म और व्यवसाय से परे उनकी आशाओं नहीं टूटेंगी।"
इस तरह जीता गठबंधन
नतीजों में कांग्रेस-JMM-RJD गठबंधन के आगे रहने का एक बड़ा कारण आदिवासी वोटों का गठबंधन के खाते में जाना है। हेमंत सोरेन आदिवासी वोटों को गठबंधन की तरफ खींचने में कामयाब रहे हैं और इसी कारण ग्रामीण झारखंड में गठबंधन का प्रदर्शन बेहद अच्छा रहा है। इसके अलावा अल्पसंख्यक और यादव समुदाय को वोट भी बड़ी संख्या में गठबंधन को गया है और यही कारण है कि कांग्रेस और RJD के प्रदर्शन में सुधार हुआ है।
क्या रहे थे 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजे?
अगर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो तब भाजपा 37 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वहीं उसके NDA गठबंधन को 42 सीटें मिलीं थीं और उसने सरकार बनाई थी और रघुवार दास को मुख्यमंत्री बनाया गया था। वो राज्य के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे। भाजपा के बाद JMM दूसरी नंबर पर रही थी और उसे 19 सीटें मिलीं थीं। JVM को आठ और कांग्रेस को छह सीटें मिली थीं।
एक साल के अंदर पांच राज्यों की सत्ता से बेदखल हुई भाजपा
पिछले एक साल के अंदर झारखंड पांचवां ऐसा राज्य है जहां भाजपा सत्ता से बेदखल हुई है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में उसे राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं उसके बाद महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ उसके गठबंधन को बहुमत जरूर मिला, लेकिन सत्ता के बंटवारे को लेकर झगड़े के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और NCP के साथ सरकार बना ली।