दक्षिण अफ्रीका में मालबर्ग वायरस से 12 लोगों की मौत, जानें वायरस से जुड़ी सभी बातें
क्या है खबर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीकी देश गिनी में मारबर्ग वायरस से 7 लोगों की मौत हो गई है। आशंका है कि 20 और मरीज इस वायरस की चपेट में है।
इससे पहले तंजानिया के उत्तर-पश्चिमी कागेरा क्षेत्र में इस हफ्ते के शुरुआत में 5 लोगों की मौत हो गई थी और तीन संक्रमित मरीज मिले थे।
मारबर्ग वायरस से दक्षिण अफ्रीका में करीब 12 मौतें हो गई हैं।
वायरस
क्या है मारबर्ग वायरस?
मारबर्ग एक संक्रामक वायरस है, जो इबोला वायरस की फैमिली से जुड़ा हुआ है। वायरस का पहला मामला 1967 में जर्मनी के मारबर्ग शहर में मिला था, इसी वजह से वायरस को मारबर्ग नाम दिया गया।
कहा जाता है कि मारबर्ग में युगांडा से लाए गए अफ्रीकी हरे बंदरों पर प्रयोग के दौरान ये वायरस फैला था।
मूल रूप से इस वायरस का जन्म इबोला वायरस की तरह ही चमगादड़ों में होता है।
मामले
संक्रमित मामलों की वर्तमान स्थिति
WHO के मुताबिक, अब तक मारबर्ग वायरस के 9 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई है।
वहीं, 20 मरीजों के भी इससे संक्रमित होने की आशंका है। इन सभी 20 मरीजों में मालबर्ग वायरस के सभी लक्षण मौजूद थे और ये लोग संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में भी आए थे।
तंजानिया, युगांडा और गिनी में वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
लक्षण
क्या है मारबर्ग वायरस के लक्षण?
WHO के अनुसार मारबर्ग वायरस के कारण तेज बुखार, सिरदर्द और घबराहट हो सकती है।
दूसरे लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द और ऐंठन, मतली, उल्टी और दस्त शामिल हैं। संक्रमित होने के तीसरे दिन से ये लक्षण बढ़ने लगते हैं।
गंभीर मामलों में संक्रमित मरीजों की 8 से 9 दिनों के बीच मृत्यु हो जाती है।
संक्रमण के दौरान मरीजों आंखें अंदर धंस जाती है, चेहरे के हाव भाव बदल जाते हैं और सुस्ती महसूस होती है।
वजह
कैसे फैलता है ये वायरस?
WHO के अनुसार, मारबर्ग संक्रमित लोगों के रक्त, शरीर के अंग, शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ जैसे पसीने, मूत्र से फैलता है।
संक्रमित मरीजों के बिस्तर, कपड़े और छूई हुई सतह से भी ये फैल सकता है।
दक्षिण अफ्रीका में संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान कई स्वास्थ्यकर्मियों को वायरस ने इसी तरह से चपेट में लिया था।
संक्रमित मरीज के अंतिम संस्कार के दौरान भी वायरस एक शरीर से दूसरे शरीर में फैल सकता है।
इलाज
मारबर्ग वायरस का इलाज क्या है?
मारबर्ग वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए अभी तक किसी भी टीके या एंटीवायरल थेरेपी को मंजूरी नहीं मिली है।
WHO का कहना है कि मरीज को बार-बार पानी पिलाना और ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखना जैसे प्रयासों से ही इलाज करने में मदद मिल सकती है।
इबोला वायरस के इलाज में उपयोग किए जा रहे मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या एंटीवायरल का भी संभावित रूप से मारबर्ग वायरस के मरीजों पर उपयोग किया जा सकता है।