क्या है कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की वैक्सीन लगाने की योजना?
भारत में कोरोना महामारी के मामले अब धीरे-धीरे कम हो रहे हैं और अब सरकार का पूरा फोकस इसकी कारगर वैक्सीन हासिल करने पर है। सरकार यह योजना भी बना रही है कि वैक्सीन आने के बाद लाखों नवजात शिशुओं सहित देश की लगभग 130 करोड़ आबादी तक वैक्सीन कैसे पहुंचाई जाए। सरकार को इसके लिए अरबों रुपये सहित लाखों स्वास्थ्य कार्यकर्ता और राज्यों की तंत्र की आवश्यकता होगी। आइए जानते हैं क्या है सरकार की वैक्सीन वितरण की योजना?
किस तरह से वितरित की जाएगी वैक्सीन?
वैक्सीन के उपलब्ध होने के बाद इसे 'विशेष कोरोना प्रतिरक्षण कार्यक्रम' के तहत वितरित किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार सीधे वैक्सीन खरीदेगी और आधिकारिक समूहों के जरिए प्राथमिक समूहों तक पहुंचाएगी। वैक्सीन राज्यों और जिलों के नेटवर्क के आधार पर प्राथमिक समूहों तक पहुंचाई जाएगी। सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर वैक्सीन की खरीद करने से मना किया है। टीकाकरण के लिए चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
प्राथमिक समूहों में किन लोगों को किया गया है शामिल?
केंद्र ने राज्यों की मदद से करीब 30 करोड़ प्राथमिकता समूहों के लोगों की पहचान की प्रक्रिया शुरू की है। प्राथमिकता समूहों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें डॉक्टर, MBBS छात्र, नर्स और आशा कार्यकर्ता सहित एक करोड़ स्वास्थ्य पेशेवर, नगर निगम के श्रमिकों, पुलिस और सशस्त्र बलों के कर्मियों सहित करीब दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, 50 साल से ऊपर के लोग और अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के लोग शामिल हैं।
राज्यों को दिए प्राथमिकता समूहों के लोगों का चयन करने के निर्देश
सरकारी सूत्रों के अनुसार केंद्र ने सभी राज्यों को नवंबर के मध्य तक प्राथमिकता वाले समूहों के लोगों का चयन करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह टीकाकरण सूची में प्रत्येक व्यक्ति को आधार कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें ट्रैक किया जा सके।
मौजूदा डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रक्रियाओं को किया जा रहा है विकसित
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मौजूदा डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रक्रियाओं को वैक्सीन के प्रबंधन और वितरण को ट्रैक करने के लिए विकसित किया जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (EVIN) प्रमुख है। वैक्सीन वितरण के लिए सरकारी कोल्ड चेन के साथ निजी क्षेत्र की कोल्ड चेन को भी मिलाया जा रहा है। इससे वैक्सीन वितरण आसान होगा।
क्या है यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम?
UIP के तहत बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं को वर्तमान में राज्य द्वारा वैक्सीन-निरोधक रोगों से मुक्त किया जाता है। ऐसे में विशेष कोरोना प्रतिरक्षण कार्यक्रम भी इसके समानांतर चलेगा। इसमें मौजूदा वैक्सीन वितरण ढांचे प्रक्रियाओं, प्रौद्योगिकी और नेटवर्क का ही उपयोग किया जाएगा। भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ यह है कि उसके पास एक मजबूत प्रतिरक्षण कार्यक्रम है। जिसके तहत लगभग दो करोड़ 70 लाख नवजात शिशुओं का प्रतिवर्ष टीकाकरण किया जाता है।
जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कह चुके हैं कि केंद्र ने अगले साल जुलाई तक लगभग 25 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन की 40-50 करोड़ खुराक खरीदने और उन्हें लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कोल्ड-चेन लॉजिस्टिक्स का निर्माण किया जा रहा है।
कितनी होगी वैक्सीन की लागत?
सरकार ने पूरी आबादी के टीकाकरण के लिए करीब 50,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। सरकार पर प्रत्येक व्यक्ति के टीकारण के लिए करीब 400-500 रुपये का अनुमान लगाया है। इस पर रोग गतिशीलता के लिए केंद्र और अर्थशास्त्र और नीति के निदेशक रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि वैक्सीन की आवश्यकता के अनुसार बजट काफी है। भारत एक बड़ा खरीददार और विक्रेता साबिता होगा।
अदार पूनावाला ने की थी 80,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता की भविष्यवाणी
सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के प्रमुख अदार पूनावाला ने भविष्यवाणी की थी कि पूरे भारत के लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए भारत को करीब 80,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने सरकार से सवाल भी पूछा था।
भारत में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 54,366 नए मामले सामने आए और 690 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 77,61,312 हो गई है, वहीं 1,17,306 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या सात लाख से नीचे गिरकर 6,95,509 हो गई है। देश में नए मामलों और मौतों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।