ओजेम्पिक जैसी वजन घटाने वाली दवाइयां मांसपेशियों को पहुंचा सकती हैं नुकसान, अध्ययन में खुलासा
क्या है खबर?
इन दिनों ओजेम्पिक और मौनजारो जैसी दवाओं की खूब चर्चा हो रही है, जो वजन घटाने के काम आती हैं। हालांकि, इन वजन घटाने वाली दवाइयों के फायदों से ज्यादा नुकसान हो सकते हैं। इस बात को सच साबित करने के लिए हाला ही में एक अध्ययन किया गया। इससे सामने आया है कि ये दवाइयां मांसपेशियों को नष्ट कर सकती हैं और हृदय व फेफड़ों के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती हैं। चलिए इसके विषय में विस्तार से जानते हैं।
अध्ययन
ये दवाइयां वसा के साथ-साथ मांसपेशियों को भी करती हैं कम
यह अध्ययन 'द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसे वर्जीनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। अध्ययन में पाया गया है कि लोकप्रिय GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट लोगों में वसा के साथ-साथ मांसपेशियों की भी भारी मात्रा में हानि का कारण बनते हैं। इनमें सेमाग्लूटाइड (ओजेम्पिक व वेगोवी) और टिरजेपेटाइड (मौनजारो व जेपबाउंड) शामिल हैं। अपने सिद्ध हृदय संबंधी लाभों के बावजूद, ये दवाएं हृदय-श्वसन स्वास्थ्य को न के बराबर लाभ पहुंचाती हैं।
प्रक्रिया
ऐसी दवाइयां लेने वाले हजारों लोगों का हुआ विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार की GLP-1 दवाइयां लेने वाले हजारों प्रतिभागियों के नैदानिक परीक्षणों का विश्लेषण किया था। लगभग हर अध्ययन में प्रतिभागियों ने या तो अपनी अधिकतम ऑक्सीजन खपत में कोई सुधार नहीं देखा या केवल मामूली लाभ का अनुभव किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन दवाइयों से लगभग 25 से 40 प्रतिशत वजन घटने की दर वसा रहित द्रव्यमान से आती है, जिसके कारण मांसपेशियां भी कम होने लग जाती हैं।
नतीजे
क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?
स्वस्थ वयस्क आमतौर पर उम्र बढ़ने के कारण हर साल लगभग 0.8 प्रतिशत मांसपेशियां खो देते हैं। हालांकि, वजन घटाने वाली दवाइयां लेने वाले लोगों की मांसपेशियां कहीं ज्यादा तेजी से कम होती हैं। अध्ययन के मुताबिक, प्रतिभागियों ने अपने कुल वजन का 25 से 40 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ वसा के बजाय मांसपेशियों से खोया। मांसपेशियों की हानि इन दवाइयों के काम करने के तरीके से संबंधित कारकों से जुड़ी है।
परेशानी
वजन घटाने वाली दवाइयां मांसपेशियों को कैसे पहुंचाती हैं नुकसान?
GLP-1 दवाइयां भूख को कम करती हैं, जिससे गंभीर कैलोरी प्रतिबंध होता है। इससे शरीर ऊर्जा पाने के लिए मांसपेशियों के ऊतकों को तोड़ने के लिए मजबूर हो जाता है। इन दवाइयों को लेने वाले कई लोगों को थकान और जठरांत्र संबंधी दुष्प्रभावों का भी अनुभव होता है, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। यह भी मांसपेशियों की हानि का बड़ा कारण है। ये दवाइयां ब्लड फ्लो को बढ़ा देती हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा रहता है।
समाधान
वजन घटाने वाली दवाइयों और एक्सरसाइज के बीच का संबंध
इस अध्ययन के जरिए इस परेशानी का एक समाधान भी खोजा गया है। इन दवाइयों को एक्सरसाइज के साथ जोड़ने से मांसपेशियों की हानि कम हो सकती है। जिन लोगों ने GLP-1 उपचार के साथ-साथ एक्सरसाइज भी जारी रखी, उनकी मांसपेशियां कम नहीं हुईं और वे सेहतमंद भी बने रहे। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला, "एक्सरसाइज प्रशिक्षण मांसपेशियों की संभावित कटौती की भरपाई करने में सक्षम हो सकता है।" एरोबिक एक्सरसाइज और प्रतिरोध प्रशिक्षण से सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है।