क्या बर्फ के जरिए भी घटाया जा सकता है वजन? जानिए इससे कैसे घटती हैं कैलोरी
क्या है खबर?
वजन घटाने के लोग तरह-तरह की एक्सरसाइज करते हैं और नए-नए ट्रेंड भी अपनाते हैं। इसी तरह का एक नया वेट लॉस ट्रेंड है, आइस हैक।
यह ट्रेंड इन दिनों सोशल मीडिया पर बहुत प्रचिलित हो रहा है, जिसमें शरीर को बर्फ के संपर्क में लाना शामिल होता है।
इसके लिए लोग ठंडी चीजें खाते-पीते हैं और ठंडे पानी से नहाते हैं, ताकि चयापचय को तेज किया जा सके।
आइए इन ट्रेंड के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मतलब
क्या होती है आइस हैक डाइट?
आइस हैक डाइट वजन घटाने का एक नया ट्रेंड है। यह शरीर के तापमान को कम करके वजन कम करने में मदद कर सकता है।
इससे शरीर गर्मी पैदा करने के लिए ज्यादा कैलोरी जलाने पर मजबूर हो जाता है। यह ट्रेंड थर्मोजेनेसिस पर आधारित है, जिसका मतलब होता है ठंड के संपर्क में आने पर शरीर की गर्मी पैदा करने की प्रक्रिया।
इस प्रक्रिया के दौरान शरीर तापमान को स्थिर करने के लिए अधिक कैलोरी जलाता है।
तरीका
इस ट्रेंड को अपनाने का तरीका
इस हैक का पालन करने का सबसे आसान तरीक है ठंडे पानी में बर्फ डालकर पीना। इसके साथ ही आप ठंडी हर्बल चाय और स्मूदी का भी सेवन कर सकते हैं।
अपने खान-पान में ठंडे सूप, फ्रोजेन योगर्ट, ठंडे सलाद और फलों को भी शामिल करें। रोजाना कुछ सेकंड के लिए बर्फीले पानी में डुबकी लगाएं या ठंडे पानी से स्नान करें।
आपको एक्सरसाइज करने के लिए भी AC वाले कमरों का चुनाव करना चाहिए।
प्रभाव
इसके जरिए कैसे घट सकता है वजन?
वजन घटाने में आइस हैक कारगर है इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि, लोग इसे प्रभावी मानते हैं, क्योंकि यह थर्मोजेनेसिस की अवधारणा पर आधारित है।
शरीर में सफेद वसा होती है, जो ऊर्जा संग्रहित करती है और भूरी वसा गर्मी उत्पन्न करने के लिए कैलोरी को जलाती है।
ठंडी चीजों के संपर्क में आने से भूरी वसा को सक्रिय कर सकता है, जिससे वजन कम हो सकता है। साथ ही, यह चयापचय को भी बढ़ाता है।
नकारात्मक प्रभाव
क्या इस ट्रेंड के कोई नकारात्मक प्रभाव होते हैं?
इस ट्रेंड को अपनाने से पहले आपको इसके नकारात्मक प्रभाव भी जान लेने चाहिए। बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है और पेट में सूजन आ सकती है।
साथ ही ठंडे पानी से नहाने पर बीमार पड़ने या जुखाम की चपेट में आने का भी खतरा रहता है।
बर्फ के संपर्क में आने से शरीर पर तनाव बढ़ सकता है, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है और संक्रमण से लड़ना कठिन हो सकता है।