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    जलवायु परिवर्तन से खतरे में पड़ा दक्षिण कोरिया का प्रसिद्ध व्यंजन किमची उद्योग

    जलवायु परिवर्तन से खतरे में पड़ा दक्षिण कोरिया का प्रसिद्ध व्यंजन किमची उद्योग

    लेखन अंजली
    Sep 03, 2024
    07:31 pm

    क्या है खबर?

    किमची कोरिया के पारंपरिक खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसे वहां अधिकतर व्यंजनों के साथ परोसा जाता है।

    हालांकि, अब इस खाद्य पदार्थ के उद्योग पर जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है।

    किसानों, निर्माताओं और वैज्ञानिकों के अनुसार दक्षिण कोरिया में बढ़ते तापमान के कारण किमची की मुख्य सामग्री नापा पत्तागोभी के बगान खराब हो रहे हैं।

    नापा गोभी ठंडे वातावरण में पनपती है और गर्म तापमान इसकी उपज पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

    तापमान

    नापा पत्तागोभी की खेती के लिए 18 से 21 सेल्सियस के बीच होना चाहिए तापमान- ली

    दक्षिण कोरिया के प्लांट पैथोलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट ली यंग-ग्यू ने कहा, "नापा पत्तागोभी की खेती के लिए तापमान 18 से 21 सेल्सियस के बीच होना चाहिए, लेकिन बढ़ती गर्मी इसकी खेती पर रोक लगा सकती है। इसलिए गर्म जलवायु ने किसानों और किमची निर्माताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है।"

    उन्होंने आगे कहा कि किमची को हरी प्याज, खीरे और मूली से भी बनाया जा सकता है, लेकिन नापा पत्तागोभी की किमची ज्यादा लोकप्रिय है।

    बयान

    गर्म वातावरण खराब कर देता है नापा पत्तागोभी की जड़े- ली

    नापा पत्तागोभी पर बढ़ते तापमान के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में कृषि मंत्रालय से किमची मास्टर की उपाधि पाने वाले ली हा-योन ने कहा, "गर्म वातारण नापा पत्तागोभी के अंदरूनी हिस्से को खराब कर देता है, जबकि इसकी जड़े गुदेदार हो जाती हैं।"

    ली ने आगे कहा, "अगर यही हाल रहा तो हमारी प्लेटों से गर्मियों के दौरान किमची गायब हो जाएगी, जिसका हमारी खाद्य संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।"

    आंकड़े

    पिछले 20 सालों में नापा पत्तागोभी की खेती में आई काफी गिरावट

    दक्षिण कोरिया की सरकारी एजेंसियों के आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि पिछले साल उगाई गई नापा पत्तागोभी का क्षेत्रफल 20 साल पहले के क्षेत्रफल के आधे से भी कम हो चुका है। अब इस सब्जी की खेती 8,796 हेक्टेयर से घटकर 3,995 हेक्टेयर रह गई है।

    वैज्ञानिकों ने नापा पत्तागोभी के उत्पादन में होने वाली गिरावट के लिए उच्च तापमान, अचानक से होने वाली भारी बारिश और कीटों को जिम्मेदार ठहराया है।

    प्रभाव

    जलवायु परिवर्तन और आयात किमची उद्योग को दे रहा है चुनौती

    ग्रामीण विकास प्रशासन ने भविष्यवाणी की कि ऐसे साल 2090 तक नापा पत्तागोभी नहीं बचेंगी।

    बता दें कि दक्षिण कोरिया का किमची उद्योग पहले से ही चीन से कम कीमत के आयात से निपट रहा है और जलवायु परिवर्तन उनकी स्थिति और खराब कर सकता है।

    अब वैज्ञानिक गर्म वातावरण, भारी बारिश और कीटों के प्रति प्रतिरोधी नापा पत्तागोभी की किस्में विकसित करने पर काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उगाना महंगा होगा और स्वाद भी अलग हो सकता है।

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